आज की पत्रकारिता में चर्चित हस्तियों के पहनावे और खान-पान संबंधी आदतों आदि के वर्णन का दौर चल पड़ा है − (क) इस प्रकार की पत्रकारिता के बारे में आपके क्या विचार हैं? (ख) इस तरह की पत्रकारिता आम जनता विशेषकर युवा पीढ़ी पर क्या प्रभाव डालती है?
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आज की पत्रकारिता में चर्चित हस्तियों के पहनावे और खान-पान संबंधी आदतों आदि के वर्णन का दौर चल पड़ा है − (क) इस प्रकार की पत्रकारिता के बारे में आपके क्या विचार हैं? (ख) इस तरह की पत्रकारिता आम जनता विशेषकर युवा पीढ़ी पर क्या प्रभाव डालती है?
Answer:
क) इस तरह की पत्रकारिता राष्ट्र हित के अनुकूल नहीं हैं , हस्तियों के पहनावे और खान-पान संबंधी आदतों आदि का वर्णन करना गलत है हमें कोई हक नहीं किसी की निजी जीवन के बारे पत्रकारिता में लिखना उचित है | क्योंकि यह पत्रकारिता युवा पीढ़ी को भ्रमित कर रही हैं। यह पीढ़ी हमारे समाज के होने वाले मजबूत स्तंभ हैं। हमें चाहिए की हमारी पत्रकारिता उनका कल्याण करें , मार्ग दर्शन करें न की उनको, उनके मार्ग से विचलित करें । यदि यही इस तरह के समाचारों को अपना विषय बनाएंगे तो देश इन स्तंभों के सहारे अधिक समय तक खड़ा नहीं हो पाएगा।
(ख) इस तरह की पत्रकारिता नौजवान पीढ़ी को नकल करने की ही शिक्षा दे रही है। वे इनकी तरह दिखने व खाने सम्बन्धी आदतों को अपनाने लगे हैं। उन्हीं की तरह कपड़े पहनना आरम्भ कर देते हैं। जिसने फैशन के इस दौर को जन्म दिया वह अपने व्यक्तित्व पर दूसरे का पहनावा व आदतों को लादने लगते हैं। परिणामस्वरूप उनका अपना व्यक्तित्व उनकी चर्चित हस्तियों की छवि देना आरम्भ कर देता है। इसी तरह के वर्णनों ने समाज में सिगरेट व शराब का चलन आरम्भ किया है। यदि उनकी पसंद का कलाकार या हस्ती शराब सिगरेट पीते हुए दिख जाते हैं तो वह भी उसी तरह सिगरेट व शराब का सेवन करते हैं। वैसे ही बालों की कटिंग करवाते हुए दिख जाएंगे। ये युवा पीढ़ी की सोच पर असर डालती है जो सही नहीं हैं।
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(क)इस प्रकार की पत्रकारिता के बारे में आपके क्या विचार हैं?
उत्तर: इस प्रकार की पत्रकारिता मानसिक खालीपन को दर्शाता है। जिन पत्रकारों के पास लिखने के लिए मुद्दों का अभाव होता है वही इस प्रकार की पत्रकारिता करते हैं।
(ख) इस तरह की पत्रकारिता आम जनता विशेषकर युवा पीढ़ी पर क्या प्रभाव डालती है?
उत्तर: इस तरह की पत्रकारिता आम जनता को सपनों की दुनिया में ले जाने का काम करती है। युवा पीढ़ी को तड़क भड़क की दुनिया शायद ज्यादा भाती है। प्राय: हर नामचीन अखबार के साथ एक रंगबिरंगा सेक्शन छपता है जिसमें फिल्मी हस्तियों, खिलाड़ियों और अन्य मशहूर हस्तियों की रंगबिरंगी तस्वीरें होती हैं। अधिकांश युवा केवल इस सेक्शन को ही ध्यान से देखते हैं क्योंकि गंभीर संपादकीय से उन्हें कोई मतलब नही होता
इस प्रकार की पत्रकारिता के बारे में आपके क्या विचार हैं?