आज कोरोना की बढ़ती समस्या ने देशवासियों कोचिंतितकरदि
है यह केवल एक देशं की समस्या नहोकरवखिक समस्या बन
गईहालोगों में इसके विरुद्ध नागृति फैलाने के लिए देनिकस्मा
पत्र के संपादक को पनलिखि
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इंसान अकेली एक ऐसी जाति है जो कि बिना जाने अपने हाथों से चेहरे छूने के लिए जानी जाती है. उसकी या आदत नये कोरोना वायरस (कोविड-19) जैसी बीमारियों को फैलने में मदद करती है.
लेकिन हम ये क्यों करते हैं और क्या हम अपनी इस आदत को रोक सकते हैं?
हम सब दिन में कई बार अपना चेहरा छूते हैं. साल 2015 में ऑस्ट्रेलिया के मेडिकल की पढ़ाई करने वाले युवाओं पर एक अध्ययन किया गया. इसमें ये सामने आया कि मेडिकल स्टूडेंट्स भी ख़ुद को इससे नहीं बचा सके.
शायद मेडिकल स्टूडेंट्स को इससे पैदा होने वाले ख़तरों को लेकर ज़्यादा जाग्रत रहना चाहिए था. लेकिन उन्होंने भी कम से कम एक घंटे में 23 बार अपने चेहरे को छुआ. इसमें मुंह, नाक और आँखें शामिल हैं.
सामाजिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में काम करने वाली संस्थाएं और पेशेवर जिसमें विश्व स्वास्थ्य संगठन भी शामिल हैं, कहती हैं कि ये मुंह छूने की आदत ख़तरनाक है.
कोविड-19 से जुड़ी सलाह में हाथों को साफ रखना और उन्हें धुलने पर जोर दिया गया है.
किन-किन देशों में मास्क पहनना है ज़रूरी
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अब तक मास्क पहनने को बाध्यकारी बनाने को लेकर कोई सलाह नहीं दी है लेकिन ये ज़रूर कहा है कि अगर आप बीमार हैं तो दूसरों को संक्रमित न करें इसके लिए ज़रूरी है कि आप घर से बाहर निकलने पर मास्क पहनें .
मार्च 18 को चेक गणराज्य ने सार्वजनिक जगहों पर मास्क पहनना बाध्यकारी कर दिया था. इसके बाद स्लोवाकिया ने 25 मार्च को लोगों को घर से बाहर निकलने पर मास्क पहनने के लिए कहा. इसके बाद बोस्निया और हर्ज़ेगोविना ने भी 29 मार्च को लोगों के लिए सार्वजनिक जगहों पर मास्क पहनना ज़रूरी कर दिया.
अप्रैल 6 को ऑस्ट्रिया में कुछ दुकानों को खोलने की इजाज़त दी गई है लेकिन सरकार ने कहा कि दुकानों पर जाने वालों के लिए मास्क पहनना बाध्यकारी होगा.
मोरक्को ने मार्च के मध्य में ही संपूर्ण लॉकडाउन लागू कर दिया गया था जिसके बाद अप्रैल 7 को यहां घर पर और घर से बाहर निकलने पर मास्क पहनना ज़रूरी बना दिया गया. अब तक पुलिस ने मास्क न पहनने के लिए पचास हज़ार से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया है.
अप्रैल 7 को तुर्की ने भी अपने नागरिकों से सार्वजनिक जगहों पर मास्क पहनने को कहा.
जर्मनी की चांसलर एंगेल मर्केल ने 20 अप्रैल को घोषणा की कुछ देश में लॉकडाउन में राहत तो नहीं दी जाएगी लेकिन इस बीच छोटी दुकानों को खोलने की सरकार इजाज़त देगी. इसके बाद जर्मनी के कई राज्यों ने सार्वजनक जगहों पर नाक और मुंह ढकना ज़रूरी बना दिया.
अब जर्मनी ने कोरोना फैलने से रोकने के लिए पूरे देश में लोगों के लिए मास्क पहनना ज़रूरी कर दिया है.