आज की शिक्षा व्यवस्था पर पिता और पुत्र के बीच संवाद लिखें
Answers
१- बेटा क्या तुम दिनभर फोन लैपटॉप से चिपक कर थक नहीं जाते?
२-- पापा आप यह क्या कह रहे हैं?
१-- सच ही तो कह रहा हूं जब लेखों फोन पर गेम खेलते हो खाली समय में और पढ़ाई के समय पर लैपटॉप से ज्ञान लेते हो। किताब से पढ़ो, बाहर जाकर खेला करो।
२-- पापा आज के जमाने में पढ़ाई इंटरनेट से होता है और गेम भी हम फोन से खेल लेते हैं तो बाहर क्यों जाएं।
१-- तुम लोग को समझना मुश्किल है। स्कूल के शिक्षक भी अब ब्लैकबोर्ड के स्थान पर लैपटॉप से पढ़ाते हैं। हमारे समय में तो ऐसा कुछ नहीं था।
२-- पापा अब वह दिन चला गया। अब तो स्मार्टफोन, इंटरनेट का जमाना है। अब सब कुछ नए तकनीक से होता है।
१-- मगर इससे लाभ क्या हैं?
२-- पापा हम महाभारत के कहानियों जितना सुनकर नहीं समझ पाते उतना हम देखकर समझ पाए हैं। वैसे ही जितना हम सुनकर नहीं समझते उससे ज्यादा हम पिक्चर के माध्यम से लैपटॉप पर देखकर समझते हैं अपने क्लास के पढ़ाई को।
१-- अच्छा तो यह बात है तभी मैं समझूं की तुम इतने अच्छे मार्क्स पढ़कर ही लाते हो अब तक समझता था कि लैपटॉप में तुम समय नष्ट करते हो। मगर मैं ग़लत था तुम तो पढ़ते हो।
२-- हां, पापा
Answer:
१- बेटा क्या तुम दिनभर फोन लैपटॉप से चिपक कर थक नहीं जाते?
२-- पापा आप यह क्या कह रहे हैं?
१-- सच ही तो कह रहा हूं जब लेखों फोन पर गेम खेलते हो खाली समय में और पढ़ाई के समय पर लैपटॉप से ज्ञान लेते हो। किताब से पढ़ो, बाहर जाकर खेला करो।
२-- पापा आज के जमाने में पढ़ाई इंटरनेट से होता है और गेम भी हम फोन से खेल लेते हैं तो बाहर क्यों जाएं।
१-- तुम लोग को समझना मुश्किल है। स्कूल के शिक्षक भी अब ब्लैकबोर्ड के स्थान पर लैपटॉप से पढ़ाते हैं। हमारे समय में तो ऐसा कुछ नहीं था।
२-- पापा अब वह दिन चला गया। अब तो स्मार्टफोन, इंटरनेट का जमाना है। अब सब कुछ नए तकनीक से होता है।
१-- मगर इससे लाभ क्या हैं?
२-- पापा हम महाभारत के कहानियों जितना सुनकर नहीं समझ पाते उतना हम देखकर समझ पाए हैं। वैसे ही जितना हम सुनकर नहीं समझते उससे ज्यादा हम पिक्चर के माध्यम से लैपटॉप पर देखकर समझते हैं अपने क्लास के पढ़ाई को।
१-- अच्छा तो यह बात है तभी मैं समझूं की तुम इतने अच्छे मार्क्स पढ़कर ही लाते हो अब तक समझता था कि लैपटॉप में तुम समय नष्ट करते हो। मगर मैं ग़लत था तुम तो पढ़ते हो।
२-- हां, पापा