आज का दिन उस मां को समर्पित है, जिसने आप को पाल पोस्कर बड़ा किया।
उन सभी माँओं के लिए खुद से रचित एक कविता लिखिये।
Answers
माँ को समर्पित कविता
रचा है हमारे इस जीवन को,
आँसुओं से करी बागवानी है।
रक्षा करके पाला बच्चों को,
तेरे से होली और दिवाली है।।
छाया देदी जलते हुए तन को,
तू वृक्ष है सोने जैसी माटी का।
ठुकराया- सताया दुनिया ने तो,
मिला साया तेरे ही आँचल का।।
नहीं देखे खुदा - भगवान हमने,
पर रखवाला तुझसा नहीं देखा।
तेरी लीला समय पे देखी सबने,
पर शिवाला तुझसा नहीं देखा।।
हँसी आपनी हमको देदी और,
रोए जो अपना सिर झुकाकर।
डाँट- मारकर हमको रोए जैसे,
मानो चोट लगी तेरे दिल पर।।
रुलाकर रोना, हँसाकर हँसना,
हर सतरंगी रंग वो दिखाती है।
औरों के लिए जीवन बिता देना,
वो साक्षात देवी माँ कहलाती।।
बहुत याद आती है माँ
जब भी होती थी मैं परेशान
रात रात भर जग कर
तुम्हारा ये कहना कि
कुछ नहीं… सब ठीक हो जाएगा ।
याद आता है…. मेरे सफल होने पर
तेरा दौड़ कर खुशी से गले लगाना ।
याद आता है, माँ तेरा शिक्षक बनकर
नई-नई बातें सिखाना
अपना अनोखा ज्ञान देना ।
याद आता है माँ
कभी दोस्त बन कर
हँसी मजाक कर
मेरी खामोशी को समझ लेना ।
याद आता है माँ
कभी गुस्से से डाँट कर
चुपके से पुकारना
फिर सिर पर अपना
स्नेह भरा हाथ फेरना ।
याद आता है माँ
बहुत अकेली हूँ
दुनिया की भीड़ में
फिर से अपना
ममता का साया दे दो माँ
तुम्हारा स्नेह भरा प्रेम
बहुत याद आता है माँ