Hindi, asked by rajamishra2970, 7 hours ago

आज की दुनिया विचित्र नवीन प्रकृति पर सर्वत्र विजई पुरुष आसीन है बंधु नर के करों में वारी विद्युत भाप हुकुम पर चढ़ता उतरता है पवन का ताप है नहीं बाकी कहीं व्यवधान इस कविता का शीर्षक और कवि​

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Answered by vijaykshirsagar62155
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Answered by rohinilokhande721
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