आज के वैज्ञानिक युग के प्रभाव में इंसान यांत्रिक होता जा रहा है। उसकी सामाजिक और नैतिकता कहीं खोती जा रही है। इन्हें बनाए रखने के लिए आप क्या प्रयास कर चाहेंगे?
Answers
Answer:
अशिष्टता क्यों पनप रही है, इस पर गंभीर मंथन की जरूरत है। अशिष्टता के लिए हम युवा पीढ़ी को भी पूरी तरह दोषी नहीं ठहरा सकते। इसके लिए परिवार, सामाजिक वातावरण व पड़ोस आदि भी जिम्मेदार हैं। जब बच्चा पैदा होता है तो उसकी परवरिश का जिम्मा परिवार पर होता है। उसे जैसे संस्कार दिए जाते हैं वह बड़ा होकर उसी के अनुरूप चलता है। इसके साथ ही समाज का भी इसमें अहम योगदान होता है। इसलिए बच्चों को शुरू से अच्छे संस्कार दिए जाने चाहिए। जहां पर बच्चा गलत करे उसे बताना चाहिए। इसके लिए बच्चों को नैतिक मूल्यों के साथ अपनी संस्कृति से भी रूबरू करवाना चाहिए। नैतिक मूल्य हमारी संस्कृति की पहचान होते हैं।
जो आचार, विचार और व्यवहार हमारे समाज द्वारा मान्यता प्राप्त न हों, उन्हें अशिष्टता की संज्ञा दी जाती है। परिवार में रहकर ही बच्चे को संस्कारों, नैतिकता व शिष्टाचार के बारे में सीखना होता है। परिवार में साथ रहकर बच्चा घर के सदस्यों के साथ व्यवहार करना शुरू करता है। जिसके संपर्क में बच्चा आता है उसी का व्यावहारिक असर उस पर होता जाता है। इसमें हमारा दायित्व यह है कि शिष्ट और अशिष्ट क्या है, इसके बारे में बच्चे को ज्ञान दें। आज के समय में बच्चों में सहनशक्ति का अभाव हो रहा है। इसका कारण उनमें नैतिक मूल्यों की कमी का होना है। नैतिकता की कमी से उनमें अशिष्टता पैदा हो रही है। बच्चों में अनैतिकता का एक कारण माता-पिता के पास समय का अभाव होना भी है। इसे हम मुख्य कारण कह सकते हैं। आज किसी भी अभिभावक के पास अपने बच्चों के लिए समय नहीं है। वह तो उसके लिए धन एकत्रित करने में व्यस्त हैं। वह इस बात को नहीं समझ रहे हैं कि जिस बच्चे के लिए हम पैसे इकट्ठे कर रहे हैं वह कहां जा रहा है। अपना बहुमूल्य समय अभिभावक बच्चों को न देने के कारण भी बच्चे गलत राह पर चल पड़ते हैं।
Explanation:
you also be happy
☺️
Answer:
This is the answer.......