Hindi, asked by py467491, 9 months ago

आज के युग में संसार की क्या upsithi है​

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Answered by nikunjc971
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Explanation:

महर्षि व्यास जी के अनुसार सतयुग, त्रेतायुग, द्वापरयुग, कलयुग ये चार युग हैं, जो देवताओ के बारह हज़ार दिव्य वर्षो के बराबर होते हैं। समस्त चतुर्युग एक से ही होते हैं। आरम्भ सत्ययुग से होता है अंत में कलयुग होता है। किसी भी जन्म में अपनी आज़ादी से किये गये कर्मों के मुताबिक आत्मा अगला शरीर धारण करती है।

हिन्दू धर्म के सर्वोच्च ग्रन्थ हैं, जो पूर्णत: अपरिवर्तनीय हैं, अर्थात् किसी भी युग में इनमे कोई बदलाव नही किया जा सकता। ब्रह्माजी क्रत्युग में जिस प्रकार सृष्टि का आरम्भ करते हैं, वैसे ही कलयुग में उसका उपसंहार करते हैं। सतयुग, द्वापरयुग, कलयुग हर युग में कोई न कोई भगवन जन्म जरूर लेते है ऐसा सभी लोगों का मानना है, लेकिन क्या आप जानते है कि किस युग में इंसान कितने जन्म लेता है। इसलिए आइए जानें चारों युगों के बारे में कुछ ऐसी बातें जो आपने कभी सुनी नहीं होंगी।

सतयुग: सतयुग के लिए माना जाता है कि इसयुग में भगवन राम ने रावण का वध करने लिए जन्म लिया था, क्योंकि जब-जब इस धरती पर पाप बढ़ा है तब-तब भगवन ने इस धरती को अपना विराट रूप दिखाया है। सतयुग में धरती पर आत्माओं का वास हुआ करता था जिसे वर्ल्ड ऑफ़ सोल भी कहा जाता है। जैसे हर शरीर का अंत होता है ठीक वैसे ही एक समय आत्मा का अंत भी आता ही है।

1728000 साल बाद खत्म होती है आत्मा

ऐसा माना जाता है कि सतयुग 1728000 साल बाद खत्म होती है, जिसमे एक सामान्य व्यक्ति 1 लाख साल तक जी सकता है जिनका कद 32 फुट लम्बा हुआ करता था। इस युग में इंसान अपनी इच्छा अनुसार मर सकता था। त्रेतायुग हिन्दू धर्म में श्रीराम, श्रीविष्णु के 10 अवतारों में, सातवें अवतार हैं। लेकिन यह रहस्य बहुत कम लोगों को मालूम है कि श्रीराम की मृत्यु कैसे हुई?

सरयु में ली थी श्रीराम ने समाधि

दरअसल भगवान श्रीराम की मृत्यु एक रहस्य है जिसका उल्लेख सिर्फ पौराणिक धर्म ग्रंथो में ही मिलता है। पद्म पुराण के अनुसार भगवान श्रीराम ने सरयु नदी में स्वयं की इच्छा से समाधि ली थी। इस बारे में विभिन्न धर्मग्रंथों में विस्तार से वर्ण मिलता है। श्रीराम द्वारा सरयु में समाधि लेने से पहले माता सीता धरती माता में समा गईं थी और इसके बाद ही उन्होंने पवित्र नदी सरयु में समाधि ली।

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