आज मैं बीज हूँ
कल रहूँगा अंकुर
बटुर-बटुर आएगी दुनिया
मुझे देखने को आतुर
आज अलक्षित नाचीज़ हूँ
गर्क हूँ धरती की जादुई कोख में
बस थोड़ी धूप, हवा और पानी
क्या देर है भला बाहर आने मेंl
(क) दुनिया किसे देखने आएगी?
(ख) बीज ने स्वयं को नाचीज़ क्यों कहा?
(ग) बीज कहाँ पड़ा है?
(घ) धरती से बाहर आने के लिए बीज को क्या चाहिए?
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Heya mate!!
Answer refers in the attachment above.
Hope it helps u dear✌️✌️
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Ans 1. Beej ko
Ans 2. Kyuki woh abhi poshit nhi hai
Ans 3. Dharti ki jadui kokh mai
Ans 4. Dhup , Hawa , Pani.
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