आज पानी गिर रहा है, बहुत पानी गिर रहा है।
रात भर गिरता रहा है, प्राण मन घिरता रहा है।
बहुत पानी गिर रहा है, घर नजर में तिर रहा है।
घर कि मुझसे दूर है जो, घर खुशी का पूर है जो।।
(क) कवि कहाँ बैठकर कविता लिख रहा है?
(ख) काव्यांश में किस ऋतु का वर्णन हुआ है? इसका पता कैसे चलता है?
(ग) पानी गिरने का कवि पर क्या प्रभाव पड़ रहा है?
(घ) घर के बारे में कवि ने क्या कहा है?
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Explanation:
- कभी घर पर बैठकर कविता लिख रहा है
- काव्यांश में सावन ऋतु का वर्णन वालों से यह इससे यह स्पष्ट पता रहता है क्योंकि इसमें पानी गिर रहा है इसका मतलब वर्षा हो रही है
- पानी गिरने पर उसका मतलब उसके मन को पानी बहुत गिर रहा है बहुत अच्छा लग रहा है उस पर बहुत अच्छा प्रभाव पड़ रहा है
- घर के बारे में भी यह कहना जाता है कि घर घर है जो खुशी से भरा पड़ा है
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