Hindi, asked by viratbhatiya2, 3 months ago

आज से तुम्हारे के भरोसे जी रहे हैं हम सभी पद्यांश

Answers

Answered by shishir303
1

आशे, तुम्हारे ही भरोसे जी रहे हम सभी , सब कुछ गया रे हाय रे।  

तुमको न छोड़ेंगे कभी आशे, तुम्हारे ही सहारे टिक रही है यह मही।  

धोखा न दीजो अन्त में, बिनती हमारी है यही॥

संदर्भ : यह पंक्तियां राष्ट्रकवि ‘मैथिलीशरण गुप्त’ द्वारा रचित “भारत-भारती” नामक काव्य कृति से ली गई हैं। इस काव्य कृति में कवि ने स्वदेश प्रेम को दर्शाया है और भारत की वर्तमान दुर्दशा से उबरने के लिए समाधान खोजने का एक प्रयास किया है।  

व्याख्या : कवि कहते है कि सभी भारतवासी अपनी दुर्दशा को दर्शाते हुए ईश्वर से प्रार्थना कर रहे हैं कि हे ईश्वर हम सब तुम्हारे भरोसे ही अपना जीवन जी रहे हैं। हमारा सब कुछ लुट गया है, अब हमारे पास कुछ भी नहीं है। लेकिन फिर भी हम तुम्हारा साथ नहीं छोड़ने वाले। हम जानते हैं कि यह संसार तुम्हारे सहारे ही चल रहा है। बस हमारी आप से यही प्रार्थना है कि आप हमारा साथ ना छोड़ना और सदैव हमारा हाथ पकड़े रहना।  

○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○

Similar questions