आज से यह खाना तुम्हारी अपनी किताबों का। यह तुम्हारी लाइब्रेरी है' − पिता के इस कथन से लेखक को क्या प्रेरणा मिली?
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‘आज से यह खाना तुम्हारी अपनी किताबों का । यह तुम्हारी अपनी लाइब्रेरी।’ पिता के इस कथन से लेखक को पुस्तकें जमा करने की प्रेरणा मिली। पिता द्वारा आपसे अलमारी से एक खाना लेखक को किताबों के लिए दिए जाने वाले लेखक बहुत प्रसन्न हुआ। उसने उस खाने में रखने के लिए अधिक से अधिक पुस्तकें जमा करनी शुरू कर दी।जैसे जैसे वह बड़ा होता गया उसकी लाइब्रेरी में पुस्तकें भी बढ़ती चली गई। एक-एक करके उसने लगभग 1000 पुस्तकों की लाइब्रेरी बना ली। इस प्रकार पिता के स्नेहपूर्ण कहे गए उस कथन ने लेखक को पुस्तकें जमा करने और उन्हें पढ़ने की प्रेरणा दी।
आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।
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apni kitabe Sahaj kar rakhne ki Prerna Mili .
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