आज समूचा विश्व धर्मांधता की आग में जलता नज़र आ रहा है परंतु एक सच्चे धार्मिक व्यक्ति का पहला लक्ष्य यह है
कि उसकी सोच असीमित हो। सभी धर्मों के प्रवर्तक असीमित विचार धाराओं के स्वामी थे। इसी ने ईश्वर को असीम बताया। इंसान के कर्मों तथा उसकी अच्छाइयों-बुराइयों के आधार पर उसका वर्गीकरण हुआ न कि जाति एवं धर्म के आधार पर। अतः हमें यह याद रखना चाहिए कि सबकी आत्मा एक है, सब में ईश्वर विद्यामान हैं, कण-कण में भगवान हैं। तभी कुत्सित धर्मांधता की आग बुझेगी |
( क ) आज विश्व किस आग में जल रहा है?
(ख) इंसान का वर्गीकरण किस आधार पर हुआ?
(ग) धर्मांधता की आग कब बुझेगी?
(घ) गद्यांश का उचित शीर्षक लिखिए।
Answers
Answered by
0
Answer:
धर्मांधता की आग कब बुझेगी?
Similar questions