आज समाज को कैसे चरित्र की जरूरत है उमा जैसे या शंकर जैसे पाठ के आधार पर बताएं
uttar- इस पाठ से लेखक हमें बताना चाहते हैं कि औरतों के प्रति हमारी जो सोच है हमें उसे बदलना चाहिए हम यह क्यों समझते हैं कि औरत आदमी के नीचे काम करें , उसे पढ़ने , लिखने जॉब करने का कोई अधिकार नहीं है? हम लोग औरतों को कम समझते हैं।खुद चाहे लड़के कितने भी पढ़े-लिखे हैं लेकिन हमें दसवीं पास की हुई लड़की चाहिए उससे ज्यादा पढ़ी-लिखी हो तो सर पर बैठ कर अपना हुक्म चलाएगी।
हमें आज के समाज में उमा जैसी लड़कियों की बहुत ही जरूरत है जो जो अपने हक के लिए लड़ना सीखना चाहिए।उमा जैसी लड़कियां ही गोपाल प्रसाद जैसे दोहरी मानसिकता रखने वाले लालची और ढोंगी लोगों को सबक सिखा सकती है। ऐसी लड़कियां ही दहेज जैसी कुप्रथा से समाज को बता सकती है। आज के समाज में लोगों की मानसिकता बहुत गलत है हमें इस सोच को बदलना होगा।हमें उम्मीद ऐसी लड़कियों के व्रत है जो एक देश और समाज में प्रगति कर सकती हैं।उनका आत्मविश्वास और निडर स्वभाव ही हमें इस समाज की कूनीतियों से बचा सकता है।
पर इसके विपरीत हमें उनका जैसे लड़कों से अपने समाज को बचाना चाहिए जो पढ़ने लिखने के बारे में लड़कियोंलड़कियों के प्रति बुरी सोच रखता है खुद तो पढ़ लिखकर कुछ नहीं कर सकते और लड़कियों को भी नहीं पड़ने देना चाहता है।
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आपने उत्तर दिया है हम क्या दे??????
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