आज तिरंगा फहराता है कविता का मूल भाव क्या है?
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आज तिरंगा फहराता है कविता का मूल भाव क्या है?
आज तिरंगा फहराता है कविता सजीवन मयंक द्वारा लिखी गई है|
कवि ने कविता में तिरंगे की लहराने की महानता का वर्णन किया है| यह तिरंगा हमारी शान है| यह तिरंगा हमारी आजादी का प्रतीक है|
हर जगह भारत की जीत का झंडा लहरता है , तिरंगा इसकी शान है | दुश्मनों के दल को, वीरों ने मार भगाया है| आजादी की लड़ाई बहुत लम्बी चली |शहीदों जवानों के बलिदान से हमें यह आज़ादी मिली है| गांधी, तिलक, सुभाष, जवाहर का प्यारा यह देश है। फहराते हुए तिरंगे को देख कर अपने आप पर गर्व महसूस होता है|
हमें अपने तिरंगे का सम्मान करना चाहिए| हमें अपने देश के तिरंगे पर कभी आंच नहीं आने देनी है| हमें हमेशा इसकी रक्षा करनी है|
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