Hindi, asked by ayeshaq956, 6 months ago

आजाद भारत के समक्ष उसकी प्रारंभिक आवश्यकताएँ थी-भोजन, वस्त्र,शिक्षा,स्वास्थ्य और आवास।इनकी पूर्ति के लिए ही उत्पादन बढ़ाने की आवश्यकता मह्सूस हूई।पर हमरी समग्र दृष्टि उत्पादन और उससे होने वाले लाभ पर ही केंद्रित होती गई।उत्पादन तो हमने बढाया पर हमरी प्राथमिक आवश्यकताएँ उपेक्षित होती गई।हमरी लाभ-भावना ने हमे दिशाहीत बना दिया।विनाशकारी उपकरणों के लिए हमने कुछ ज्यादा ही धन खर्च किया।धीरे-धीरे लाभ ने हमे भौतिकता की ओर इस तरह आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया कि कुछ तो सुखी जीवन जीने लगे, बाकी का अधिकांश हिस्सा दयनीय और लाचार होता गया। आज देश में एक छोटा-सा समुदाय सुखी एवं सभ्यता के सारे उपकरणों से सुसज्जित है, बाकी हिस्सा भी है। हमारे समाज की यह असमानता एक ऐसे असंतोष को जन्म देती है,जिसका परिणाम अनेक त्रासद परिस्थितियों को निर्मित करता है।
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Answers

Answered by saxenalavi422
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Answer:

I have not hindi board.............

Answered by raviravi9003
0

Answer:

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