Hindi, asked by tanveerchoudhary954, 2 days ago

आजादी के 75 साल बाद भारत खेलों में एक शक्तिशाली राष्ट्र निबंध​

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Answered by studylover32
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भारत अपनी आजादी की 75वीं वर्षगांठ का जश्न मना रहा है। यह सभी देशवासियों के लिए विशेष अवसर है। 15 अगस्त 1947 को देश सैकड़ों वर्षों की गुलामी की बेड़ियों से आजाद हुआ। तब से लेकर अब तक सांस्कृतिक, सामाजिक, राजनीतिक, आर्थिक, सैन्य, खेल एवं तकनीकी क्षेत्र की विकास यात्रा में देश ने अपनी एक पहचान बनाई है। 75 वर्षों की इस विकास यात्रा में नए कीर्तिमान बने हैं। आज भारत की पहचान एक सशक्त राष्ट्र के रूप में है। यह अनायास नहीं है। दुनिया आज भारत की तरफ देख रही है। बीते 75 सालों में अपनी अंदरूनी समस्याओं, चुनौतियों के बीच देश ने ऐसा कुछ जरूर हासिल किया है, जिसकी तरफ दुनिया आकर्षित हो रही है। देश के पास गर्व करने के लिए उपलब्धियां हैं तो अफसोस जताने के लिए वजहें भी हैं।

हमें आजादी तो मिल गई लेकिन वह आजादी आज किस रूप में है। हमारे पूर्वजों, स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों, राजनेताओं ने आजाद भारत का जो सपना देखा था। उनकी नजरों में आजादी के जो मायने थे क्या उसके अनुरूप हम आगे बढ़े हैं। संविधान में एक आदर्श देश की जो परिकल्पना की गई है उसे हम कितना साकार कर पाए हैं। नागरिकों से समाज और समाज से देश बनता है। एक बेहतर नागरिक एक स्वस्थ समाज का निर्माण करता है। एक सजग समाज देश को उन्नति के रास्ते पर ले जाने का मार्ग प्रशस्त करता है। सवाल है कि एक देश और व्यक्ति के रूप में आज हम कहां खड़े हैं, इसका एक सिंहावलोकन करना जरूरी है। आजादी के इन सालों में हमने क्या खोया और क्या पाया है, आज इसकी भी बात करनी जरूरी है।

15 अगस्त 1947 को हम आजाद तो हो गए लेकिन यह आजादी विभाजन के साथ आई। भारत की जमीन से नए देश पाकिस्तान अस्तित्व में आया। देश के पूर्वी और पश्चिमी हिस्से में बने इस नए देश की वजह से भारत को अपना एक बड़ा भूभाग और लोगों को खोना पड़ा। इसके बाद कश्मीर और अक्साई चिन में हमें अपनी जमीन खोनी पड़ी। हालांकि, सिक्किम को अपने साथ जोड़ने पर हमारी सरकार कामयाब हुई। तब से लेकर अब तक भारत अपनी सीमा की हिफाजत करता आया है। कई राज्यों में अलगाववादी ताकतों, नक्सलवाद, आतंकवाद की चुनौती से निपटते और सीमा पर चीन एवं पाकिस्तान से लड़ते हुए भारत ने देश की चौहद्दी एवं संप्रभुता पर आंच नहीं आने दी है। आंतरिक चुनौतियों एवं सांप्रदायिक सौहार्द्र बिगाड़ने की कुटिल चालों को नाकाम करते हुए भारत ने अपनी अनेकता में एकता की खासियत एवं धर्मनिरपेक्षता की भावना बरकरार रखी है।

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