"आजादी का अमृत महोत्सव" पे अनुच्छेद
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चरण और व्यावसायिक गतिविधियां प्रबंधन की प्रकृति स्थानीय आर्थिक और सामाजिक स्थिति पर निर्भर करती है। ...
न्यूनीकरण खतरों को आपदाओं में पूरी तरह विकसित होने से रोकने या घटित होने की स्थिति में आपदाओं के प्रभाव को कम करने का प्रयास न्यूनीकरण कार्रवाई है। ...
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स्वाधीनता का अमृत महोत्सव अर्थात 75 वीं वर्षगांठ पर मनाया जाने वाला भव्य त्यौहार.
जैसा कि हम सब लोग जानते हैं कि इस वर्ष यानी कि 2021 में भारत देश 75 साल का आजादी का जश्न मना रहा है.
किंतु यह आजादी का महोत्सव मनाने का सौभाग्य हमें ऐसे ही नहीं प्राप्त हुआ है
बल्कि इस आजादी के लिए हमने बहुत कीमत चुकाई है एवं हमें बहुत सी मुसीबतों एवं चुनौतियों का सामना करना पड़ा है.
हम सभी लोग जानते हैं कि हम सब को आजादी मिली किंतु उसी समय हमें बंटवारे का सामना भी करना पड़ा.
बंटवारे के दौरान बहुत से ऐसे लोग भी थे जो कि अपना घर नहीं छोड़ना चाहते थे लेकिन उन्हें मजबूरी में अपना घर छोड़ना पड़ा. इसी तरह देश को आजादी मिली.
आजादी के बाद भारत में विकास करना बहुत बड़ा चुनौती थी क्योंकि अंग्रेजी शासन के दौरान भारत की आर्थिक स्थिति बहुत ही खराब हो चुकी थी.
जब अंग्रेज भारत में व्यापार करने के लिए आए थे तब उस समय पूरे विश्व की अर्थव्यवस्था में भारत का 23%-25% हिस्सेदारी था.
एवं 20 दशक बाद जब हमें आजादी प्राप्त हुई यानी कि सन 1947 में हमारा पूरे विश्व के अर्थव्यवस्था में मात्र 3 % हिस्सेदारी रह गया.
इससे आप लोग समझ सकते हैं कि अंग्रेजी शासन ने भारतीय अर्थव्यवस्था की कमर तोड़ डाली थी.
अंग्रेज भारत से कच्चा माल ले जाते थे और तैयार माल लाकर यहां पर बेचते थे. अंततः जिससे हमारे देशवासी बहुत गरीब हो गए थे.
लोकतंत्र का स्थापना करना भी एक बहुत बड़ी चुनौती थी. करोड़ों लोगों की पहली बार मतदाता सूची तैयार करनी थी और लोगों को लोकतंत्र की जानकारी भी देनी थी.
1952 में जाकर पहली बार चुनाव हुए लेकिन यह तैयारी करना कोई आसान काम नहीं था.
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