आजादी कविता का मूल संदेश आज के समाज मे घट रही धटनाओ का उदाहरण देते हुए सपषट किजिए
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देश आजाद तो है पर गुलामी प्रथा आज भी है। जिसे हम सबको साथ आकर खत्म करना है। आज भी स्वतंत्र भारत पर एक प्रश्नचिह्न लगा हुआ है! अगर सचमुच भारत देश स्वतंत्र है, आजाद है तो फिर उस आजादी की, उस स्वतंत्रता की सही मायने में क्या परिभाषा होनी चाहिए, यह आम आदमी की सोच से परे है।
स्वतंत्रता का अर्थ यह कतई नहीं है कि स्वच्छंद होकर मनमानी की जाए। अपनी मर्यादा को भूलकर सरेआम अनैतिक कृत्य किए जाएं। देश के सभी लोग स्वतंत्रता का सही-सही आशय समझें। नेता वर्ग और आम जनता भी अपनी सीमाएं खुद तय करें। पराए बेटा-बेटी को भी दिल से अपना मानें। क्या सही क्या गलत- यह करने से पूर्व सोचें तभी स्वतंत्रता का असली आनंद उठाया जा सकता है। और फिर तब हम गर्व से कह सकेंगे कि 'हम भारतीय होने के साथ-साथ स्वतंत्र भी हैं।
स्वतंत्रता का अर्थ यह कतई नहीं है कि स्वच्छंद होकर मनमानी की जाए। अपनी मर्यादा को भूलकर सरेआम अनैतिक कृत्य किए जाएं। देश के सभी लोग स्वतंत्रता का सही-सही आशय समझें। नेता वर्ग और आम जनता भी अपनी सीमाएं खुद तय करें। पराए बेटा-बेटी को भी दिल से अपना मानें। क्या सही क्या गलत- यह करने से पूर्व सोचें तभी स्वतंत्रता का असली आनंद उठाया जा सकता है। और फिर तब हम गर्व से कह सकेंगे कि 'हम भारतीय होने के साथ-साथ स्वतंत्र भी हैं।
sameerpayalmyp32d89:
thank you ji
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