आजादी कविता में कवि का आजादी से आशय है
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कवि यहाँ पर कहना चाहता है कि आज़ादी यानी अज्ञानी को ज्ञान, ज्ञानी को कर्म, जीवन के लिए अनिवार्य साधन का होना भी आज़ादी है। अकेलेपन के कष्ट से मुक्त कर्मठ को बलिदान होना, भय से मुक्त होना भी आज़ादी है।
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