आजादा पान क लिए
रक्षा के लिए अपना जीवन देने से वे पीछे नहीं हटे क्योंकि वे जानते थे कि जब स्वतंत्रता च
जाता है। उसमें कोई उत्साह नहीं रहता और उत्साहहीन जीवन जिंदा लाश के अतिरिक्त तु
आधार पर पाई गई आजादी का मूल्य और सौंदर्य कुछ और ही होता है।
जय, जय, जय हे अमर तिरंगे! जय हे राष्ट्र-निशान!
'सन् सत्तावन' की अंगड़ाई,
'नौ अगस्त' की तू तरुणाई,
तुझमें कोटि-कोटि वीरों का प्रतिबिंबित बलिदान।
मूर्त शक्ति तू, मूर्त त्याग तू,
विश्व शांति का अमर राग तू,
तुझमें कोटि-कोटि प्राणों के गुंफित हैं अरमान।
दिशि-दिशि में अवनि-अंबर पर,
तू अपनी आभा प्रसरित कर,
पारतंत्र्य-तम चीर, ला रहा है स्वातंत्र्य-विहान।
ज्वालाओं में जलते मन-सा,
तप-तपकर निखरा कंचन-सा,
तुझ पर सौ-सौ बार निछावर सारा हिंदुस्तान।
विश्व-विजय करने की क्षमता,
बने सदा मानव की ममता,
तेरे तार-तार में मुखरित, मानवता के गान।
हम निज तन देंगे, मन देंगे,
तेरे हित जीवन दे देंगे,
प्राण गँवाकर भी रख लेंगे, हम तेरा सम्मान।
- श्री हरि
harisharan bharat ka saransh
Answers
Answered by
0
Answer:
yjv_erji_reb come here 6th 7th girls for studies
Answered by
0
O o o o o o o o o o o o o o o o o o o o o
Similar questions