Hindi, asked by Unitex22, 1 year ago

आजकल की भागदौड़ एवं प्रतिस्पर्धा से पूर्ण जिंदगी में रिश्ते नाते की अहमियत खत्म होते जा रही है इसके कारणों की चर्चा करते हुए बताइए कि इन रिश्तो को सजाने के लिए आप क्या प्रयास करेंगे ॥

400-500 words Essay !!!
Thanks In Advance

Answers

Answered by bhatiamona
117

Answer:

यह पंक्ति सत्य है , आजकल की भागदौड़ एवं प्रतिस्पर्धा से पूर्ण जिंदगी में रिश्ते नाते की अहमियत खत्म होते जा रही है | आज के समय में किसी के पास समय नहीं है सब अपनी-अपनी ज़िन्दगी में व्यस्त है | घर के सदस्यों के लिए भी समय नहीं है | आज कल सब पैसा कमाना चाहते है , सब इसी में लगे है | अपने बच्चों और बुजुर्ग के लिए भी समय नहीं है | सब सुबह से शाम तक  भागदौड़ में लग जाते है किसी के साथ कोई मतलब नहीं है | अब किसी को कोई रिश्तों से कोई मतलब नहीं है , किसी से कोई प्यार नहीं है | कोई किसी से मतलब नहीं रखना चाहता , कोई किसी की मदद नहीं करना चाहता | आज के माता-पिता तो बच्चों को मोबाइल दे कर उन्हें व्यस्त रखते है उन्हें भी पता नहीं होता रिश्तेदार क्या होते है , दोस्त क्या होते है | स्कूल से घर आना और फिर  ट्यूशन जाना जिन्दगी बस यही तक सीमित रह गई है |  

इन रिश्तों को सजाने के लिए प्रयास :

इन रिश्तों को सजाने के लिए हमें थोड़ा प्रयास करने की जरूरत है | हमें अपनी व्यस्त जीवन से थोड़ा सा वक्त निकलने की जरूरत है | यदि हम थोड़ा-थोड़ा वक्त देना शुरू कर दें तो सभी रिश्ते ठीक हो जाएंगे | हमें अपने लिए और सब के लिए वक्त निकालना होगा | पैसा तो जीवन में आता रहता है , पर रिश्ते ,अपने यह सब एक बार चले जाते है तो वापिस कभी नहीं आते | इसलिए हमें सब को समय देना चाहिए | घर पर बच्चों के साथ मिलकर बात करनी चाहिए , उनके साथ पढ़ाई के बारे पूछना चाहिए | छूटी के समय बहार घूमने जाना चाहिए | सभी रिश्तेदारों से मिलना चाहिए | सब के दुःख और ख़ुशी का ध्यान रखना चाहिए | सब को समय देने से अपना मन भी ठीक रहता है | जीवन में जो कोई टेंशन चल रही होती है , वह भी दूर हो जाती है | दोस्तों के साथ दुःख बाँटने से अपना दिल हल्का हो जाता है | मनुष्य जीवन एक बार मिलता इसलिए हमें सब को साथ रहना चाहिए और सब के लिए वक्त निकालना चाहिए | हमें यह ज़िन्दगी अच्छे से बितानी चाहिए | घूमने जाना चाहिए और ऑफिस के काम घर नहीं  लाना चाहिए | घर आ कर बस घर के सदस्यों को वक्त देना चाहिए | हम सब धीरे-धीरे सब को वक्त देना करना शुरू कर देंगे तो सब दूरियां मिट जाएगी | सब मिलकर रहने लग जाएंगे | सब में आपसी प्रेम देखने को मिलेगा |

Answered by tvishaa123
27

Answer:

आजकल की भागदौड़ एवं प्रतिस्पर्धा से पूर्ण जिंदगी में रिश्ते नाते की अहमियत खत्म होते जा रही है | आज के समय में किसी के पास समय नहीं है सब अपनी-अपनी ज़िन्दगी में व्यस्त है | घर के सदस्यों के लिए भी समय नहीं है | आज कल सब पैसा कमाना चाहते है , सब इसी में लगे है | अपने बच्चों और बुजुर्ग के लिए भी समय नहीं है | सब सुबह से शाम तक  भागदौड़ में लग जाते है किसी के साथ कोई मतलब नहीं है | अब किसी को कोई रिश्तों से कोई मतलब नहीं है , किसी से कोई प्यार नहीं है | कोई किसी से मतलब नहीं रखना चाहता , कोई किसी की मदद नहीं करना चाहता | आज के माता-पिता तो बच्चों को मोबाइल दे कर उन्हें व्यस्त रखते है उन्हें भी पता नहीं होता रिश्तेदार क्या होते है , दोस्त क्या होते है | स्कूल से घर आना और फिर  ट्यूशन जाना जिन्दगी बस यही तक सीमित रह गई है |  

इन रिश्तों को सजाने के लिए प्रयास :

इन रिश्तों को सजाने के लिए हमें थोड़ा प्रयास करने की जरूरत है | हमें अपनी व्यस्त जीवन से थोड़ा सा वक्त निकलने की जरूरत है | यदि हम थोड़ा-थोड़ा वक्त देना शुरू कर दें तो सभी रिश्ते ठीक हो जाएंगे | हमें अपने लिए और सब के लिए वक्त निकालना होगा | पैसा तो जीवन में आता रहता है , पर रिश्ते ,अपने यह सब एक बार चले जाते है तो वापिस कभी नहीं आते | इसलिए हमें सब को समय देना चाहिए | घर पर बच्चों के साथ मिलकर बात करनी चाहिए , उनके साथ पढ़ाई के बारे पूछना चाहिए | छूटी के समय बहार घूमने जाना चाहिए | सभी रिश्तेदारों से मिलना चाहिए | सब के दुःख और ख़ुशी का ध्यान रखना चाहिए | सब को समय देने से अपना मन भी ठीक रहता है | जीवन में जो कोई टेंशन चल रही होती है , वह भी दूर हो जाती है | दोस्तों के साथ दुःख बाँटने से अपना दिल हल्का हो जाता है | मनुष्य जीवन एक बार मिलता इसलिए हमें सब को साथ रहना चाहिए और सब के लिए वक्त निकालना चाहिए | हमें यह ज़िन्दगी अच्छे से बितानी चाहिए | घूमने जाना चाहिए और ऑफिस के काम घर नहीं  लाना चाहिए | घर आ कर बस घर के सदस्यों को वक्त देना चाहिए | हम सब धीरे-धीरे सब को वक्त देना करना शुरू कर देंगे तो सब दूरियां मिट जाएगी | सब मिलकर रहने लग जाएंगे | सब में आपसी प्रेम देखने को मिलेगा |

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