Hindi, asked by vaishali250303, 5 months ago

आजकल की काम-काजी महिलाओं के लिए दुःसाध्य क्या है ?​

Answers

Answered by Sasmit257
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Explanation:

भाषा' शब्द भाष् धातु से बना है, जिसका अर्थ है - बोलना।

जो ध्वनि-संकेत हमारे मुख से किसी भाव या विचार को प्रकट करने के लिए निकलते हैं, वे भाषा कहला

ये ध्वनि-संकेत हर भाषा में खास अर्थ में रूढ़ हो जाते हैं अर्थात हर भाषा के ध्वनि-संकेतों का अलग

अर्थ होता है।

सकता' - उसने सोचा । गाँव के उस आगंतुक भले व्यक्ति ने उस आदमी से उसका नाम - पता पूछा, पर वह कोई उत्तर

नहीं दे सका । वह केवल इतना बोल पाया, “शायद मैं खो गया हूँ !'' यह सुनते ही गाँव के उस भले व्यक्ति ने निश्चय

किया कि वे सब उसे 'खोया हुआ आदमी' कहकर बुलाएँगे।

खोया हुआ आदमी इतना खोया था, इतना खोया था कि उसकी पूरी स्मृति का लोप हो चुका था । उसके जहन से

उसका नाम और पता पूरी तरह खो चुके थे । न उसे अपनी जाति पता थी, न अपना धर्म ।

Answered by arshita92004
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Answer:

आज के दौर में महिलाएं शिक्षा, पत्रकारिता, कानून, चिकित्सा या इंजीनियरिंग के क्षेत्र में उल्लेखनीय सेवाएं दे रही हैं. पुलिस और सेना में भी वे जिम्मेदारी निभा रही रही है. पर ज्यादातर महिलाओं को पेशेवर जिम्मेदारियों के साथ ही घर की जि़म्मेदारी भी उठानी पड़ती है. जिसका उनके स्वास्थ्य पर विपरीत असर पड़ता है.

एक ओर उसे ‘ऑक्यूपेशनल स्ट्रेस' या कामकाज का तनाव झेलना पड़ता है तो दूसरी ओर उसे घरेलू मोर्चे पर भी परिवार को खुश रखने की जिम्मेदारी का निभानी पड़ती है.

स्वास्थ विशेषज्ञों के अनुसार ऑफिस और घर संभालने की दोहरी जिम्मेदारी के कारण तनाव बढ़ता है और बीमारियां पैदा होती हैं.

42 फीसदी को पीठदर्द, मोटापा, अवसाद, मधुमेह, उच्च रक्तचाप की शिकायत है.

इसी सर्वे के अनुसार कामकाजी महिलाओं में दिल की बीमारी का जोखिम भी तेजी से बढ़ रहा है.

60 प्रतिशत महिलाओं को 35 साल की उम्र तक दिल की बीमारी होने का खतरा है.

Explanation:

रोजगार के हर क्षेत्र में महिलाएं पुरुषों का वर्चस्व तोड़ रही हैं. खासकर व्यावसायिक शिक्षा प्राप्त महिलाओं के काम का दायरा बहुत बढ़ा है. लेकिन कामयाबी के बावजूद परिवार से जो सहयोग उन्हें मिलना चाहिए, वह नहीं मिल रहा है.

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