Hindi, asked by gauri9871, 9 months ago

आजकल युवा पीढ़ी में आतुरता का भाव क्यों
दिखाई देता है ?​

Answers

Answered by akm26381
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Explanation:

आज का युवा जिस मुकाम पर खड़ा है उसकी चुनौतियां दिन पर दिन बढ़ती जा रही हैं। पीढ़ी के बदलाव के साथ-साथ आने वाले आधुनिक बदलावों ने युवाओं के लिये अनेक एसे हालात पैदा कर दिये हैं जब सही एवं गलत का निर्णय लेने में वह असमंजस की स्थिति में खड़ा हो जाता है और फिर होता है भटकाव एवं तनाव का वह दौर जिससे पुरे जीवन की सुख शांति भंग हो जाती है।

आज से कुछ समय पूर्व पारिवारिक पृष्ठभुमि को बच्चों को संस्कारित एवं विकसित करने का सबसे बड़ा कारण बताया जाता है किन्तु आजकल पारिवारिक के साथ-साथ बाजार की बदलती वैश्विक परिस्थितियों को भी मद्देनजर रख कर बच्चों के विकास पर कार्य किया जाना जरूरी है।

बच्चों के चरित्र, कार्यकलाप एवं ऊर्जा का केवल परिवार पर प्रभाव पडता है यह कहना आज के संदर्भ में उचित नहीं है। एक बच्चे से उसकें परिवार के साथ-साथ उसका समाज, उसके दोस्त उसके शैक्षणिक संस्थान से लगाकर उसके उपस्थिति वाले समस्त क्षै़त्र जैसे व्यवसाय स्थल, नौकरी स्थल, समस्त पड़ोसी, मोहल्ले, नगर और आजकल सोशल एवं आधुनिक मीडिया के कारण वृहद स्तर पर प्रभाव पड़ने से इन्कार नही किया जा सकता।

आज की युवा पीढ़ी को मानसिक शारिरिक और आर्थिक रूप से जितनी चुनौतियां आ रही है उतनी पहले कभी भी नहीं रही होंगी। जैसे-जैसे हम विकास के दौर से गुजर रहे हैं ये चुनौतियां बढ़ती जा रही हैं जिसका परिणाम सबसे पहले पारिवारिक वातावरण पर पड़ रहा है। आर्थिक समृद्धि भी परिवारों को खुशनुमा माहौल दे पाने में समर्थ नही हो पा रही है। परिणाम हम देख रहे हैं। बहुत ही कम उम्र में बच्चों में चिड़चिड़ापन, परिवार में गुमसुम रहना और अपनी परेशानियों को शेयर करने का उपयुक्त माहौल न मिलना जिससे युवा वर्ग की कार्यक्षमता प्रभावित हो रही है। वह तात्कालिक सुखों पर ज्यादा ध्यान देने लगा है। ये तात्कालिक सुख उसे दीर्घकालीन जीवन समझने में असमर्थ बना रहे है जिससे समय-समय पर उसके सब्र का बांध टूट जाता है और वह गलती पर गलती करता चला जाता है। जब उसे अपनी गलतियों का एहसास होता है तो उसे सुधारने का वक्त न मिल पाने से घोर निराशा का सामना करना पडता है। तब उसका शु़रू हो जाता है एकांतवास एवं एसी या़त्राओं का सफर जो उसे या तो व्यसन के दौर में पहुंचा देता है या फिर अपराध या तनाव की उस दुनिया में जहां से उसकी वापसी संभव नही हो पाती है जहां से वह अपने जीवन के प्रति निराश हो आत्महत्या तक करने की सोच लेता है आज अनेक युवा इस ओर कदम बढ़ा रहे हैं जो एक चिंतनीय विषय है।

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