आकार न्यूनीकरण से आप क्या समझते हैं आकार न्यूनीकरण के लाभ व हानि बताइए
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आपदा जोखिम न्यूनीकरण
भारत एक बहु आपदा प्रवण देश है जहाँ दुनिया के किसी भी देश के मुकाबले सबसे अधिक आपदाएँ घटती हैं. भारत के 29 राज्यों एवं 7 केंद्र शासित प्रदेशों में से 27में प्राकृतिक आपदाओं जैसे चक्रवात, भूकंप, भूस्खलन, बाढ़ और सूखे जैसी आदि का कहर निरंतर रहता है।
Children play in Gehua river, Madhubani, one of the worst flood-affected districts in Bihar Province.
UNICEF/UNI130522/Singh
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एक प्रतिरोधक भारत के लिए बाल केन्द्रित जोखिम सूचक तैयारी
भारत एक बहु आपदा प्रवण देश है जहाँ दुनिया के किसी भी देश के मुकाबले सबसे अधिक आपदाएँ घटती हैं. भारत के 29 राज्यों एवं 7 केंद्र शासित प्रदेशों में से 27में प्राकृतिक आपदाओं जैसे चक्रवात, भूकंप, भूस्खलन, बाढ़ और सूखे जैसी आदि का कहर निरंतर रहता है।
जलवायु परिवर्तन एवं पर्यावरणीय क्षति की वजह से आपदाओंकी तीव्रता एवं आवृत्ति भी अधिक हो गई है जिससे जान – माल की क्षति अधिक हो रही है. इसके अतिरिक्त देश का एक तिहाई हिस्सा नागरिक संघर्ष एवं बंद आदि से भी प्रभावित रहता है।
किसी भी आपदा में व आपदा के बाद बच्चे सबसे अधिक प्रभावित होते हैं और ऐसी वास्तविकताओं को अक्सर योजनाओं एवं नीति निर्माण के समय में अनदेखा कर दिया जाता है ।
2000-2016के दौरान हुई पांच सबसे बड़ी प्राकृतिक आपदाओं लगभग में 17,671 बच्चों की जान चली गईथी । 2015-2016के सूखे मेंदस राज्यों मेंअनुमानित 330 मिलियन (33 करोड़) लोग प्रभावित हुए थे,जिनमें पांच साल से कम उम्र के 37 मिलियन (3 करोड़ 70 लाख) बच्चे शामिल थे।
इन आपदाओं का बच्चों के जीवन पर कई प्रतिकूल असर होता है। अन्य प्रभाओं के साथ प्राकृतिक आपदाओं के दौरान व उसके बाद सबसे अधिक उनका स्कूल प्रभावित होता है क्योंकि स्कूलों को आपदा के समय बतौर आश्रयस्थल इस्तेमाल किया जाता है, इसके अलावा स्वास्थ्य सेवाओं के बाधित होने से टीकाकरण न होना,पोषण आहार साफ पानी और स्वच्छता सुविधाओं की अनुपलब्धता के कारण कुपोषण और बीमारियाँ होती हैं। आपदाओं के दौरान हिंसा, शोषण,बाल विवाह, बाल-तस्करी और बाल-श्रम की घटनाओं में भी वृद्धि होती है।
भारत में निरंतर अलग अलग राज्यों में विभिन्न आपदाओं जैसे बाढ़, सूखा, खराब मौसम तथा संघर्ष आदि का प्रतिकूल असर महिलाओं,बच्चों व अन्य वंचित समुदाय के विकास पर पड़ता है।