आकाश की कल्पना साफे के रूप में क्यों की गई है? Class 7 NCERT Hindi Vasant Shaam Ek Kisan
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आकाश की कल्पना साफे के रूप में की गई है क्योंकि जब कवि अपने खेतों में बैठकर पहाड़ की ओर देखता है तो लगता है की पहाड़ आकाश का साफा बांधकर सूरज की चिलम फूंक रहा है।
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आकाश की कल्पना एक सिरहाने के रूप में की गई है क्योंकि कवि जब अपने खेतों में बैठकर पर्वत की ओर देखता है तो ऐसा लगता है कि पर्वत आकाश का सिरा बांधकर सूर्य को उड़ा रहा है।
Explanation:
- प्रस्तुत छंदों में कवि ने विभिन्न रूपकों का परिचय देकर प्राकृतिक अवयवों का वर्णन किया है।
- कवि के लिए पहाड़ एक किसान की तरह दिखता है, जो आसमान में पगड़ी बांधे बैठा है।
- वह चिलम की तरह सूरज को पी रहा है।
- सूर्य का प्रकाश पृथ्वी के वायुमंडल तक पहुँचता है और हवा में मौजूद सभी गैसों और कणों द्वारा सभी दिशाओं में बिखर जाता है।
- नीली रोशनी अन्य रंगों की तुलना में अधिक बिखरी हुई है क्योंकि यह छोटी, छोटी तरंगों के रूप में यात्रा करती है।
- यही कारण है कि हमें अक्सर नीला आसमान दिखाई देता है।
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