Hindi, asked by anitachoudharyskr, 4 months ago

आकाश का साफ़ा बाँधकर

सूरज की चचलम खींचता

बैठा है पहाड़,

घुटनों पर पड़ी हैनदी चादर-सी

पास ही दहक रही है

पलाश के जंगल की अँगीठी

अंधकार दरू पूवश में

भसमटा बैठा है िेड़ों के गल्ले-सा

क. कविता द्वारा शाम का चित्रण टीस रूप में किया गया है ?​

Answers

Answered by rudranshisingh009
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Answer:

pahad ke roop me kiya gaya hai

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