आकाश का साफा बाँधकर सूरज की चिलम खींचता बैठा है पहाड़, घुटनों पर पड़ी है नदी चादर-सी, पास ही दहक रही है। पलाश के जंगल की अँगीठी 1) कवि और कविता का नाम लिखिए। 2) पद्यांश के आधार पर बताइए कि नदी की तुलना किससे की गई है? 3) आकाश की तुलना किससे की गई है?
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igigoy
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jofifiwodhhsishwiehwowhwo
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1. इस कविता का नाम शाम- एक किसान है । सर्वेश्वरदयाल सक्सेना इस कविता के कवि है ।
2.पहाड़ को एक किसान के रूप में, नदी को एक चादर के रूप में, पलाश के जंगल को दहकती अँगीठी के रूप में डूबते सूरज को चिलम के रूप में तथा आकाश को किसान के साफ़े के रूप में वर्णन किया गया है।
3.आकाश की कल्पना साफे के रूप में की गई है क्योंकि जब कवि अपने खेतों में बैठकर पहाड़ की ओर देखता है तो लगता है की पहाड़ आकाश का साफा बांधकर सूरज की चिलम फूंक रहा है।
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