Hindi, asked by akc118971, 9 months ago

आकाश में देवता क्यों खड़े हैं ? 'मनुष्यता ' पाठ के आधार पर सही उत्तर दीजिये ।

Answers

Answered by VedankMishra
2

अनंत अंतरिक्ष में अनंत देव हैं खड़े,

समक्ष ही स्वबाहु जो बढ़ा रहे बड़े-बड़े।

परस्परावलंब से उठो तथा बढ़ो सभी,

अभी अमर्त्य-अंक में अपंक हो चढ़ो सभी।

रहो न यां कि एक से न काम और का सरे,

वही मनुष्य है कि जो मनुष्य के लिए मरे।।

अनंत – जिसका कोई अंत न हो

अंतरिक्ष – आकाश

समक्ष – सामने

परस्परावलंब – एक दूसरे का सहारा

अमर्त्य -अंक — देवता की गोद

अपंक – कलंक रहित

प्रसंग -: प्रस्तुत कविता हमारी पाठ्य पुस्तक ‘स्पर्श भाग -2 ‘ से ली गई है। इसके कवि मैथिलीशरण गुप्त हैं। इन पंक्तिओं में कवि कहता है कि कलंक रहित रहने व दूसरों का सहारा बनने वाले मवषयों का देवता भी स्वागत करते हैं।

Attachments:
Similar questions