आखिर कबूतर अपना रास्ता कैसे ढूंढ लेते हैं? उन प्रवासी पक्षियों के बारे में सोचो और पता करो कि वह कैसे सैकड़ों मील का रास्ता और सही जगह तय कर पाते हैं. चिट्ठी पहुंचाने के लिए .
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is main question that will come in my exam I will give you special points for this.
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Answer:
पक्षियों को मौसम बदलने का पता दिन के छोटे या बड़े होने से लगता है। ऐसा विश्वास किया जाता है कि पक्षी यह बता सकते हैं कि कब दिन छोटे होंगे और कब बड़े। कुछ पक्षियों में एक ग्रंथि होती है, जो उन्हें मौसम बदलने का ज्ञान कराती है। अब प्रश्न यह है कि एक स्थान से दूसरे स्थान तक जाने में और वापस आने में पक्षी अपना रास्ता कैसे ढूँढते है? इस प्रश्न का उत्तर पाने के लिए बहुत से प्रयोग किए गये हैं। चिडि़यों के एक समूह को उनके घोंसले से पकड़कर प्रव्रजन के स्थान से पहले 650 किलो मीटर दूर दूसरे स्थान पर ले जाकर छोड़ दिया गया। प्रव्रजन का समय आने पर देखा गया कि ये पक्षी अपने इस नये स्थान से अनुकूल स्थान पर जाने में सफल हो गए। जब उस स्थान पर प्रतिकूल मौसम आया, तो ये पक्षी उसी स्थान पर वापस पहुँच गए, जहाँ से इन्हें लाया गया था। इससे पता चलता है कि प्रवासी पक्षियों में एक जन्मजात शाक्ति होती है, जिसके आधर पर वे अपने रास्तों और ठिकानों का पता लगा लेते हैं। यह अनुमान लगाया जाता है कि पक्षी सूर्य, तारागणों की स्थिति तथा पहाड़ों और नदियों की स्थिति से अपना रास्ता पता लगाते हैं। शिशु पक्षियों को यह प्रशिक्षण अपने माता-पिता से मिलता है।कुछ वैज्ञानिकों का विचार है कि पक्षी पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र के प्रति विशेष संवेदन रखते हैं और उसके आधर पर वे अपने रास्ते और स्थान का पता लगा लेते हैं। यही नहीं वरन् अनेक मछलियां, उड़ने वाले कीड़े, टिड्डियां, ईल्स भी मौसम बदलने के कारण एक स्थान से दूसरे स्थानों पर प्रवास करने जाते हैं। यह सिद्धांत अभी तक सिद्ध नहीं हो पाया है। वास्तविकता तो यह है कि वैज्ञानिकों के पास अभी तक इस तथ्य की कोई ठोस जानकारी नहीं है कि प्रवासी पक्षी अपना रास्ता और स्थान कैसे ढूँढते हैं।
धन्यवाद
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