Hindi, asked by mukulkaushik20989, 2 months ago

आलो अंधारी पाठ की समीक्षा कीजिए 400 शब्दों में​

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Answered by shishir303
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आलो अंधारी पाठ की समीक्षा कीजिए 400 शब्दों में...​

‘आलो आंधारि’ पाठ एक ऐसी स्त्री के जीवन की कहानी है, जो बेहद गरीब वस्था नेपाली बड़ी और जिसका जीवन कठिन संघर्षों से भरा रहा। समाज में एक परित्यक्ता स्त्री के साथ लोग कैसा व्यवहार करते हैं यह इस पाठ के माध्यम से बताया गया है। आलो आंधारि लेखिका के जीवन की आत्मकथा है, जिसमें उसने अपने जीवन काल में घटी घटनाओं को सिलसिलेवार ढंग से प्रस्तुत किया है। उसने इस पाठ के माध्यम से अपने जीवन के संघर्ष को बताया। लेखिका ने घरेलू व सामाजिक समस्याओं से जूझकर व घरेलू नौकरानी जैसे काम करते हुए भी एक पुस्तक की रचना कर डाली। लेखिका का जन्म कश्मीर में हुआ था और बहुत कम उम्र में ही उसकी शादी उससे बहुत अधिक उम्र के व्यक्ति से कर दी गई थी।  पति के साथ उसकी जमी नहीं और उसने पति के अत्याचारों से तंग आकर अपने बच्चों सहित पति का घर छोड़ दिया। घरेलू नौकरानी के रूप में कई जगह कार्य किया। अंत में उसे तातुश के यहां घरेलू नौकरानी की काम मिला और यहीं से उसकी जीवन में परिवर्तन हुआ, जब उसे तातुश से किताब लिखने की प्रेरणा मिली और उसने अपने जीवन के संघर्ष को अपनी आत्मकथा के माध्यम से पुस्तक के रूप में होकर अपनी भावनाओं को प्रकट किया।

पाठ बेबी हालदार की आत्मकथा होने के साथ-साथ एक ऐसी की दुनिया के बारे में भी बतलाता है, जो दुनिया जो हमारे आस पड़ोस में बसी मिल जायेगी है। ये दुनिया है अभाव ग्रस्त गरीब और असहाय लोगों की जिन्हे अपनी जिंदगी जीने के लिये हालातों से किस तरह जूझना पड़ता है। ऐसी दुनिया में झांकने में हमें शर्मिंदगी महसूस होती हैं, क्योंकि हम अपनी सुख-सुविधाओं में इतना खोये है कि हमे अपने आस-पास ही व्याप्त दुख का एहसास नही हो पाता, न हम उसको जानने की चेष्टा करते हैं। एक ऐसी संसार जिसमें लोग अभावों से ग्रस्त हैं, जीवन में कठोर संघर्ष कर रहे हैं, ऐसे लोगों के विषय में जानने की फुर्सत हमारे पास नहीं है। समाज में परित्यक्ता स्त्री को कितनी कठिनाई से जीवन बिताना पड़ता है, इस पाठ में यह भी दर्शाया गया है. इसके साथ ही घरेलू नौकरों की दयनीय हालत का भी पाठ में वर्णन है।

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