Political Science, asked by maahira17, 1 year ago

आलोक मानता है कि किसी देश को कारगर सरकार की जरूरत होती है जो जनता की भलाई करे। अत: यदि हम सीधे-सीधे अपना प्रधानमंत्री और मंत्रिगण चुन लें और शासन का काम उन पर छोड़ दें, तो हमें विधायिका की जरूरत नहीं पड़ेगी। क्या आप इससे सहमत हैं? अपने उत्तर का कारण बताएँ।

Answers

Answered by nikitasingh79
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Answer with Explanation:

हम आलोक के मत से सहमत नहीं हो सकते । प्रजातांत्रिक राज्यों में विधान मंडल का होना बहुत आवश्यक है। यदि विधानमंडल नहीं होगा, तब प्रधानमंत्री एवं मंत्री गण कुछ भी करने के लिए स्वतंत्र होंगे तथा वे निरंकुश भी बन सकते हैं जबकि यदि विधान पालिका होगी, तो वे उन पर नियंत्रण रख सकेगी, ताकि वे निरंकुश न बन सके। इसके अतिरिक्त विधानमंडल के न होने से कार्यपालिका का कार्य बहुत अधिक होने से कार्य कुशलता में कमी आएगी। शासन की कार्यकुशलता तथा नागरिकों की स्वतंत्रता के लिए शक्तियों का बंटवारा में होना अति आवश्यक है।  

आशा है कि यह उत्तर आपकी अवश्य मदद करेगा।।।।

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Answered by sk181231
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Answer:

इस अवधि में हिंदी के स्वर्णिम साहित्य का सृजन हुआ। भक्ति आंदोलन ने देश की जनता की मनोभावना को प्रभावित किया। भक्ति कवियों में अनेक विद्वान थे जो तत्सम मुक्त भाषा का प्रयोग कर रहे थे। राम और कृष्ण जन्म स्थान की ब्रज भाषा में काव्य रचना की गई, जो इस काल के साहित्य की मुख्यधारा मानी जाती हैं। इसी अवधि में दखिनी हिंदी का रूप सामने आया। पिंगल, मैथिली और खड़ी बोली में भी रचनाएं लिखी जा रही थी। इस काल के मुख्य कवियों में महाकवि तुलसीदास, संत सूरदास, संत मीराबाई, मलिक मोहम्मद जायसी, बिहारी, भूषण हैं। इसी कालखंड में रचा गया 'रामचरितमानस' जैसा ग्रन्थ विश्व में विख्यात हुआ।

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