aalamban aur vibhav kise kehte- for 5 marks
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रस सामग्री के पांच भेद माने गए हैं।
1- स्थायी भाव 2- संचारी भाव 3- विभाव 4- अनुभाव 5-आश्रय।
विभावः- प्रधान मनोविकार के जाग्रत या उद्दीप्त होने के कारणों को विभाव कहते हैं। इसके दो भेद हैं।
(अ) आलम्बनः- जिसके आधार पर, अर्थात् जिसे देखकर या सुनकर, मनोविकार जागृत हो। जैसे, श्ृगार (श्रृंगार, में (श् +ऋ) शुद्ध होता है) में प्रेम पात्र स्त्री या पुरूष जिसे देखकर प्रेम जागृत हो, आलम्बन कहलाता हैं।
(ब) उद्दीपनः- जो जागृत हुए मनोविकारों को प्रदीप्त या उत्तेजित करें, अर्थात् बढ़ावे। जैसे - वीर रस में मारू बाजा, चारणों का प्रोत्साहन आदि।
विभाव
विभाव का अर्थ है भाव को प्रकट करने वाले कारण को विभाव कहते हैं। अर्थात् वे सभी साधन जिनके कारण हमारे मन में भाव उत्पन्न होते हैं,उन्हें विभाव कहते हैं।
जैसे -
1.चुटकुला पढ़ कर हँसना, कोई हंसी वाला नाटक देख हँसी आना
2.किसी हँसते हुए व्यक्ति को देखकर हँसी आना।
आलम्बन
आलम्बन का अर्थ है स्थाई भाव को जगाने वाले कारण जो कोई व्यक्ति हो सकता है , कोई वस्तु हो सकती है या कोई परिस्थिति हो सकती है उसे आलम्बन विभाव कहा जाता है।
जैसे –
1.मैं अपनी माँ को इतने समय वाद मिली तो मैं रोने लग गई |
2.सोहन ने मोहन की घड़ी चुरा ली यह सुन के मोहन को क्रोध आया |