Hindi, asked by chavandhruvp, 6 months ago

आलसी गधा story in Marathi ​

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Explanation:

आलसी गधा की कहानी - कामचोर गधा - The Lazy Donkey in Hindi - Hindi Fairy Tales

यह कहानी एक व्यापारी की है जो एक छोटे से गांव में रहता था! वह बाजार में अलग-अलग प्रकार के सामान भेजता और पैसे कमाता! व्यापारी के पास एक गधा था वह सामान की बोरी उस पर लादताऔर बाजार में बेचने जाता!

व्यापारी अपने गधे का अच्छे से ख्याल रखता था! वह जानता था कि उसके व्यापार के लिए उसका गधा बेहद जरूरी है वह उसे बहुत बढ़िया खाना देता था गधा जवान और शक्तिशाली था! वह ढेर सारी बोरियां लेकर बाजार चलता था लेकिन गधा कुछ अलसी भी था और उसे काम करना पसंद नहीं था वह सिर्फ बैठना खाना खाना आराम करना और सोना चाहता था!

गधा हमेशा यही सोचता था कि उसका मालिक उस को 1 दिन की भी छुट्टी नहीं देता है, लेकिन वह यह नहीं जानता था कि अगर मालिक उसको एक दिन की छुट्टी भी देगा तो उसका बहुत नुकसान हो जाएगा!

बाजार की मांग के अनुसार व्यापारी रोज कई प्रकार की वस्तुएं बेचता था, जैसे दाल अनाज सब्जियां मसाले और फल!

व्यापारी रोज सवेरे गधे को लेकर काम पर निकल पड़ता था! बाजार तक पहुंचने के लिए उनको एक नदी पार करनी पड़ती थी! व्यापारी बेहद संभलकर गधे को नदी पार कराता था!

एक दिन व्यापारी के दोस्त ने बताया कि बाजार में नमक की बहुत मांग है! व्यापारी ने ठान लिया कि वह अब बाजार में नमक ही बेचेगा! उसने बेहद जल्दी नमक की 12 बोरियां तैयार कर ली उसने छह बोरियां गधे की पीठ पर लाद दीं! गधे की टांगे कांपने लगी! तब उसे एहसास हुआ कि वजन थोड़ा ज्यादा है! गधे को कोई तकलीफ ना हो इसलिए व्यापारी ने एक बोरी उसकी पीठ से उतार ली! गधा फिर भी आगे नहीं बढ़ रहा था! व्यापारी गधे की हालत समझता था लेकिन वह यह भी समझता था कि गधा आलसी है!

उसने गधे को डांटा और छड़ी से भी मारा! और इस तरह गधा चलने को राजी हो गया! उस दिन व्यापारी की सारी बोरियां बाजार में बिक गई!

और इस तरह व्यापारी को अच्छा खासा मुनाफा हो गया, फिर उसने ठान लिया कि अब वह बाजार में नमक ही बेचेगा! अगले दिन उसने गधे को फिर तैयार किया1 गधा पहले की तरह ही लड़खड़ाने लगा तो उसने कुछ बोरियां कम की और जैसे-तैसे गधे को मना कर ले गया!

नदी पार करते समय गलती से गधे का पैर फिसल गया और वह पानी में गिर गया इससे काफी सारा नमक पानी में घुल गया और गधे का वजन आधे से भी हल्का हो गया! गधे को चलने में आसानी होने लगी, लेकिन व्यापारी का काफी नुकसान हो गया था!

अगले दिन जब नमक की बोरियां लादकर व्यापारी गधे के साथ नदी पार कर रहा था तो गधे ने सोचा कि कल जब मैं नदी में फैसला था तो वजन कम हो गया था! उसने सोचा कि क्यों ना इस बार भी जानबूझकर फिसल जाऊं तो मेरा वजन कम हो जाएगा! इस तरह वो जानबूझकर फिसल गया और काफी सारा नमक नदी में घुल गया और फिर एक बार व्यापारी को नुकसान हो गया! इस तरह से उसने रोजमर्रा की आदत बना ली और काम से बचने के लिए व्यापारी का नुकसान करने लगा!

व्यापारी भी समझ गया था कि गधा जानबूझकर यह सब कर रहा है लेकिन कुछ कर नहीं पा रहा था! उसने अपने दोस्त को यह समस्या बताई! दोस्त ने उस को सलाह दी कि कोई ऐसी चीज इस्तेमाल करो जो पानी में गिरने से वजन में बढ़ जाए तो व्यापारी ने दिमाग लगाकर बोला कि ऐसी चीज तो केवल रुई ही हो सकती है इस तरह से उसके दिमाग में युक्ति आई!

अगले दिन उसने रुई की कुछ बोरियां ली और गधे पर लाद दी और उसके साथ चल पड़ा! हमेशा की तरह गधा जानबूझकर पानी में गिर गया लेकिन इस बार बोरी का वजन दुगना हो गया और गधा लड़खड़ाने लगा! गधे को आश्चर्य हुआ कि इतना वजन कैसे बढ़ गया! वह फिर चल दिया!

अगले दिन फिर यही दोहराया गया! गधे ने जानबूझकर गिरने का नाटक किया लेकिन सिर वजन बढ़ गया इस तरह से गधे को अच्छा सबक मिला! व्यापारी ने सोच लिया कि अब गधा समझ चुका है कि उसके पानी में गिरने से उसी का बुरा होगा तो उसने अगले दिन से फिर नमक की बोरियां ले जानी शुरू कर दी! लेकिन इस बार गधा गलती से भी गिरने की नहीं सोचता था!

इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि किसी भी परिस्थिति में युक्ति और बुद्धि का प्रयोग करके उस परिस्थिति को अपने अनुकूल किया जा सकता है! मुश्किल से मुश्किल परिस्थिति में भी बुद्धि का प्रयोग करके स्थिति को संभाला जा सकता है!

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