आलस विषय पर दो दो संस्कृत मे aarth सहित
शलोक
Answers
Answered by
7
Answer:
नास्त्युद्यमसमो बन्धुः कृत्वा यं नावसीदति।।
आलस्य के समान मनुष्य का और कोई शत्रु नहीं है। इसी प्रकार उद्यम, अर्थात परिश्रम के समान मनुष्य का अन्य कोई मित्र नहीं है क्योंकि परिश्रम करने वाला कभी दुखी नहीं रहता।
Explanation:
अतः इस श्लोक में आलस्य को मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु कहा गया है।
Answered by
5
Explanation:
1 ) अलसस्य कुतो विद्या अविद्यस्य कुतो धनम्। ...
2 ) आलस्यं हि मनुष्याणां शरीरस्थो महान् रिपुः। ...
Similar questions