आलस्य मानव का सबसे बड़ा दुश्मन है|' write an essay on it.
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मनुष्य स्वभाव में आलस्य का भाव स्वाभाविक रूप से रहता है। संत कबीर दास जी ने कहा भी है कि ‘काल करे सो आज कर, आज करे सो अब, पल में प्रलय हो जायेगी बहुरि करेगा कब।’ हर मनुष्य सोचता है कि अपना काम तो वह कभी भी कर सकता है पर ऐसा सोचते हुए उसका समय निकलता जाता है। चतुर मनुष्य इस बात को जानते हैं इसलिये ही वह विकास के पथ पर चलते हैं। अक्सर लोग अपनी असफलता और निराशा को लेकर भाग्य को कोसते हैं जबकि वास्तविकता यह है कि विकास का समय हर आदमी के पास आता है और जो अपने ज्ञान और विवेक से उसका लाभ उठाते हैं उनकी पीढ़ियों का भी भविष्य सुधर जाता है। संसार में सफल और प्रभावशाली व्यक्त्तिव का स्वामी, उद्योगपति, तथा प्रतिष्ठाप्राप्त लोगों की संख्या आम लोगों से कम होती है इसका कारण यह है कि सभी लोग समय का महत्व नहीं समझते और आलस्य के भाव से ग्रसित रहते हैं।
जीवन में निरंतर सक्रिय रहने से मनुष्य के चेहरे और मन में स्फूर्ति बनी रहती है और बड़ी आयु होने पर भी उसका अहसास नहीं होता। आलस्य मनुष्य का एक बड़ा शत्रु माना जाता है इसलिये उससे मुक्ति पाना ही श्रेयस्कर है। कोई काम सामने आने पर उसको तुरंत प्रारंभ कर देना चाहिये यही जीवन में सफलता का मूलमंत्र है।इस विषय में कौटिल्य के अर्थशास्त्र में कहा गया है कि
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न कार्यकालं मतिमानतिक्रामेत्कदायन।
कथञ्चिदेव भवति कार्ये योगः सुदृर्ल्लभः।।
"ज्ञानी और बुद्धिमान मनुष्य को चाहिये कि अपने कार्य को निश्चित समय पर पूरा करे और इसमें किसी प्रकार की कोताही न बरते। कारण यह कि किसी भी कार्य में मन लगाना दुर्लभ है। फिर जीवन में संयोग बार बार नहीं आते।"
सतां मार्गेण मतिमान् काले कर्म्म समाचरेत्।
काले समाचरन्साधु रसवत्फल्मश्नुते।।
"ज्ञानी और बुद्धिमान मनुष्य को सत्य मार्ग पर स्थिर होकर समय आने अपना कार्य निश्चित रूप से आरंभ करना चाहिऐ। समय पर कार्य करने पर सारे फल प्रकट होते हैं।"
समय समय पर हमें आत्ममंथन भी करना चाहिए कि हम कितना समय सार्थक कामों में कितना निरर्थक व्यतीत करते हैं। यह मनुष्य स्वभाव भी है कि व्यसन तथा नकारात्मक कार्य उसे आकर्षित करते हैं और सकारात्मक काम करने की सोचने में भी आलस्य करता है। इस आदत से बचना चाहिए
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1) आलस पर काबू :-
आलस्य मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु है। आलस्य ऐसा दोष है जिससे मनुष्य अपने वर्तमान और भविष्य दोनों को नष्ट कर देता है। आलस्य समय-समय पर सभी को प्रभावित करता है। और हर कोई इस आलसीपन को दूर करने के उपायों को ढूढ़ते रहते हैं। आलस्य को दूर करना सफलता हासिल करने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। यहां पर दिये उपाय चीजों को सही तरीके से करने और आलस्य को अपने रास्ते से दूर करने में मददगार साबित हो सकती है।
2) टाल-मटोल छोड़ें :-
टाल मटोल वास्तव में आलस का ही प्रतिरूप है। जब भी कोई काम आता है, हम उसे यह कहकर टाल देते हैं कि इसे थोड़ी देर बाद कर लूंगा। लेकिन यह हमारी आदत लत बन जाती है। आज का काम कल पर और कल का काम परसों पर डालने वाली आदत को छोड़कर हम इस लत से आसानी से छुटकारा पा सकते हैं।
3) लाभ और परिणाम के बारे में सोचें :-
अपने कार्यों के लाभ पर ध्यान केंद्रित करें और आलस्य पर काबू पाने के लिए खुद को पुरस्कृत करें। इसके अलावा इस बारे में सोचें कि आलस्य का शिकार होने पर क्या-क्या हो सकता है। अपने आपको प्रेरित करने के लिए उन सभी पर नजर
4) व्यवस्थित तरीके से करें :-
एक ही समय में एक साथ बहुत सारे काम करने की स्थिति में आप खुद को हतोत्साहित महसूस करने लगते हैं। लेकिन इन सब चीजों को व्यवस्थित कर आप काम को आसान बना सकते हैं। कुछ भी हो सभी के लिए आयोजन बहुत जरूरी होता है।
5) प्रारंभ (Starting) :-
शुरुआत करना थोड़ा मुश्किल होता है। लेकिन शुरूआत के लिए और चीजों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए स्वयं को प्रेरित करें। आप दैनिक लक्ष्य बना कर और ध्यान को भटकने से रोककर शुरूआत के लिए स्वयं को तैयार कर सकते हैं। साथ ही खुद को बताओ कि आप शुरूआत के लिये तैयार
6) सोने का समय Sleep schedule ::-
सोना का एक नियमित शेड्यूल होना बहुत महत्वपूर्ण है। यह पता करना बहुत जरूरी है कि आपको रात में पर्याप्त नींद आती है या नहीं। सप्ताहांत सहित, प्रत्येक दिन एक ही समय में बिस्तर पर सोने और एक ही समय पर उठने की आदत बनाये। कम से कम आठ घंटे की नींद जरूर लें। समय के साथ, आप इतने सक्षम हो जायेगें कि बिना अलार्म घड़ी के स्वयं ही यह सब कर पायेगें।
7) हल्का भोजन :-
एक भारी यानी फैट, शुगर और कार्बोहाइड्रेट से भरपूर भोजन से आपको आलस महसूस होता है। इसके अलावा आपको ग्लाइसेमिक खाद्य पदार्थों से भी दूर रहना चाहिए क्योंकि यह रक्त शर्करा के बढ़ने के साथ आपमें अस्थायी ऊर्जा को बढ़ावा देता है। ऐसी ऊर्जा कुछ मिनट में दूर होकर आपको थकान महसूस करवाती है।
8) एक्सरसाइज ::-
एक्सरसाइज, दिमाग सहित शरीर के हर हिस्से के लिए बहुत लाभकारी होती हैं। जब आप नियमित रूप से एक्सरसाइज करते हैं तो आप खुद को अधिक ऊर्जावान महसूस करते है। रक्त परिसंचरण बेहतर और चयापचय कार्यों भी अच्छी तरह से होते है। इसलिए नियमित रूप से एक्सरसाइज करने की कोशिश करें, आप सिर्फ 15 मिनट की एक्सरसाइज को अपने रूटीन में शामिल करें।
9) टास्क को छोटा करें :-
अपने नियत कार्य को पूरा करने के लिए समय ले, खासतौर पर यदि अगर आपका टास्क बहुत बड़ा है तो। छोटी चीजों बहुत अधिक सुलभ और अधिक साध्य लगती हैं। नियत कार्य को भागों में तोड़कर आप उस पर अच्छे से नियंत्रण पा सकते हैं और यह दिखने में भी बहुत आरामदेह लगती है।
10) प्रेरणा के लिए सफल लोगों को देखें :-
सफल लोगों को आलस्य कभी जीत नहीं सकता है। आप खुद को कुछ तरीकों से ऐसे लोगों के साथ संबद्ध करने का प्रयास करें। जानें कि दैनिक चुनौतियों के साथ लड़कर भी सफलता को कैसे हासिल करते हैं और वह किस तरह आलस को अपने दूर करने में कामयाब होते हैं।