Hindi, asked by ujwalbhalgat97, 1 month ago

आलस्य मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु

big essay


spammers don't come ​

Answers

Answered by mahikapaliwal878
2

मानव जीवन संघर्ष पूर्ण होता है। जन्म से लेकर मृत्यु पर्यन्त तक आशा निराशा और जिज्ञासा से पूर्ण मनुष्य विभिन लक्क्षों को प्राप्त करने के लिये लालायित रहता है। बहुत से लोग उसमें सफल हो जाते है तथा बहुत से असफल, असफलता का प्रमुख कारण कर्म के प्रति रूचि न होना तथा कार्य के प्रति दृढ़ निश्चय का न होना भी दर्शाता है, पर आलस्य उनमें प्राथमिक रूप से उत्तरदायी होता है जो काम को कल तक टालते रहते हैं और निराशा के शिकार होते है। अतः आलस्य को सबसे बड़ा शत्रु कहा गया है।

आलसी व्यक्ति सामाजिक बाबा राहता है जो निंदा से अनभिग्य निदेशन की अवहेलना करते हुए पूर्णता भाग पर निर्भर हो जाता है- ‘जो किस्मत में हो होगा वही होगा’ का मंत्र रखकर कर्म से विमुख हो जाता है जैसे तुलसी जी ने कहा है-

कादर मन कहुँ, एक अधरा,

देव-देव आलसी पुकारा।

भाग्य के भरोसे रहकर बड़े-बड़े कार्य मिट्टी में मिल जाते है। किसानों के थोड़े से आलस्य में पूरी फसल चौपट हो जाती है। मज़दूर के आलस करने से टुकड़े-टुकड़े के लाले पड़ जाते है। यही नहीं बड़े-बड़े सम्राज्य आलसी प्रवृत्ति के होने के कारण जड़ से मिट गये।

Similar questions