आमुख किसे कहते हैं इसके प्रकारों को समझाइए?
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‘आमुख’ से तात्पर्य है, किसी फीचर लेखन के सबसे पहले पैराग्राफ अर्थात किसी फीचर लेखन में जो परिचय दिया जाता है, वह आमुख कहलाता है। किसी फीचर के आरंभ में कम से कम वाक्यों में रोचक ढंग से संबंधित फीचर का परिचय देना ही ‘आमुख’ कहलाता है।
‘आमुख’ में पूरे फीचर की कथावस्तु का सार छुपा होता है और उसे इस तरह प्रस्तुत किया जाता है कि समाचार से संबंधित सारे तत्वों का उसमें समावेश हो जाता है। आमुख की महत्ता फीचर लेखन में बहुत अधिक होती है। जिस तरह प्रथम प्रभाव ही अंतिम प्रभाव होता है, उसी तरह आमुख प्रस्तुतीकरण से पूरे फीचर का स्वरूप निश्चित होता है और पाठक आगे बढ़ता है। यदि फीचर की शुरुआत आकर्षक ढंग से की जाए तो पाठक संपूर्ण फीचर पढ़ने के लिए उत्सुक हो जाता है, यही एक अच्छे आमुख की विशेषता होती है।
आमुख के अनेक प्रकार होते हैं, जैसे सारयुक्त आमुख, विशिष्ट घटनात्मक आमुख, दृष्टान्वित आमुख, प्रत्यक्ष भावन्वित आमुख, रचनात्मक आमुख, लघुवाक्य आमुख, प्रश्नात्मक आमुख, विरोधात्मक आमुख रोज, लघुवाक्य आमुख, चित्रात्मक आमुख और सादृश्यमूलक आमुख आदि।
आमुख के इन प्रकारों में आमुख के स्वरूप का निर्धारण फीचर की विषय-वस्तु से ही होता है। फीचर की विषय-वस्तु जैसी है, उसी तरह का आमुख बनाया जाता है।
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