आमरण का सामान क्या है
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Explanation:
लोक सेवकों से कर्तव्यपरायण, ईमानदार, अनुशासित एवं चरित्रवान होना अपेक्षित है। प्रत्येक सरकारी सेवक के आचरण से शासन की छवि प्रतिबिंबित होती है क्योंकि सरकार एवं कर्मचारी के बीच स्वामी और सेवक का सम्बन्ध होता है। स्वामी द्वारा अपने सेवकों से यह अपेक्षा किया जाना स्वाभाविक है कि सेवक अपने कार्य एवं व्यवहार इस प्रकार व्यवहृत करें कि उससे स्वामी की छवि पर प्रतिकूल प्रभाव न पड़े। सेवकों का कोई भी दुराकरण सरकार की छवि को धूमिल कर सकता है। अत: संविधान के अनुच्छेद 309 के अन्तर्गत प्रदत्त अधिकार का प्रयोग करते हुए श्री राज्यपाल अपने सेवकों को जनता के प्रति कर्तव्यों के निर्वहन करने में आचरण विनियमन करने के लिये आचरण नियमावली का निर्माण करते हैं।
इस लेख के अध्ययन के उपरान्त राज्य कार्मिकों को आचरण नियमावली के महत्वपूर्ण नियमों की जानकारी तथा इस दिशा में उनके कर्तव्यों के संबंध में जानकारी हो सकेगी। वह अपने अधीनस्थ कार्मिकों को इन नियमों के सम्बन्ध में समुचित जानकारी देकर उनका मार्गदर्शन कर सकेंगे।
प्रस्तुत लेख में उत्तर प्रदेश सरकारी सेवक आचरण नियमावली के नियमों की जानकारी देने का प्रयास किया गया है।