आनार्थ । निष्ठुर । मुझे कलंक कालिमा के कारागार
में पंद कर गर्म वाक्य के धुंए से दम छोटकर मार
डालने की आठान फरी। आन मैरी असहायता मुझे
अमृत पिलाकर मेरा निर्लज्ज जीवन बढ़ाने के
लिए जत्पर हैं।
अर्थ
संदर्भ, प्रसंग
व्याख्या फीजिए
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NEXT DAY BRO..................
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