आनंद की फुलझड़ियाँ’ इस निबंध का अंश पढ़िए। ‘मुझे भी बड़ी प्रसन्नता हुई कि मैं उन थोड़े-से शब्दों द्वारा उस क्लर्क के जीवन में किंचितमात्र भी क्यों न हो, सुख तो पहुँचा सका। बैंक की घटना के आधार पर टिप्पणी लिखिए। लेखक का हिसाब खोलने के लिए बैंक जाना। क्लर्क की हस्तलिपि की तारीफ करना। क्लर्क का खुश हो जाना।
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"आनंद की फुलझड़ियां" इस निबंध के माध्यम से लेखक यह कहना चाहता है कि हम सभी अपने जीवन की दिनचर्या में मग्न रहते है, ऐसे में कोई यदि आकर दो - चार शब्द प्रशंसा के कह देता है तो नई स्फूर्ति से काम करने की इच्छा होती है
- बैंक की घटना के अनुसार बैंक का क्लर्क अपना रोज का कार्य कर रहा था, लोगों की शिकायते सुनना, फार्म भरना , पैसे गिनना, पैसे देना इत्यादि ।
- लेखक ने जब उस क्लर्क की हस्तलिपि देखी तो उसे बहुत सुंदर लगी, इस पर लेखक ने उस क्लर्क से कहा " ब्यूटीफुल , तुम्हारी हस्तलिपि बहुत सुंदर है।"
- अपनी प्रशंसा के शब्द सुनकर क्लर्क बहुत खुश हुआ क्योंकि सभी उसकी हस्तलिपि देखते थे परन्तु आज तक किसी ने इस प्रकार तारीफ नहीं की थी।
- कहने का तात्पर्य यह है कि यदि हमारे दो चार कहे शब्दो से किसी को खुशी मिलती है तो हमें अवश्य लोगो को बढ़ावा देना चाहिए जिससे वे और अधिक मन लगाकर कार्य करेंगे, हमें हर वक्त शिकायत नहीं करनी चाहिए।
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