आनुवंशिक रूपांतरित फसलों के उत्पादन के लाभ व हानि का तुलनात्मक विभेद किजिए।
Answers
आनुवंशिक रूपांतरित फसलों के उत्पादन के लाभ :
(1) फसलों के रोग प्रतिरोधी होने से उत्पादन में वृद्धि होती है व कटाई पश्चात होने वाले नुकसान में कमी आती है।
(2) यह फसलें जैविक व अजैविक कारकों (सूखा, ताप ,लवणता ) आदि के लिए प्रतिरोधी होती है।
(3) फसल की पोषण गुणवत्ता व खनिज उपयोग क्षमता में वृद्धि हो जाती है।
(4) रसायनिक पीड़कनाशकों पर निर्भरता कम हो जाती है।
आनुवंशिक रूपांतरित फसलों के उत्पादन की हानियां :
(1) विश्व के कारण अन्य प्राकृतिक जीव जैसे परागण कारियों की मृत्यु हो जाती है वह खाद्य श्रृंखला में परिवर्तन हो जाता है।
(2) इनके लगातार प्रयोग से कीट इन फसलों के प्रति प्रतिरोधी हो जाते हैं , फिर इन्हें खत्म करने के लिए रासायनिक कीटनाशकों की आवश्यकता पड़ती है।
(3) यह फसलें व इनके उत्पाद अनेक लोगों में एलर्जी उत्पन्न कर देते हैं।
(4) इस तकनीक द्वारा उत्पादित फसलों में सामान्यतया बीज निर्माण नहीं होता है। अतः किसानों को प्रति वर्ष नए बीज खरीदने पड़ते हैं जो कि महंगा प्रक्रम है।
आशा है कि यह उत्तर आपकी अवश्य मदद करेगा।।।।
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Explanation:
आनुवंशिक रूपांतरित फसलों के उत्पादन के लाभ :
- 1) फसलों के रोग प्रतिरोधी होने से उत्पादन में वृद्धि होती है व कटाई पश्चात होने वाले नुकसान में कमी आती है।
- (2) यह फसलें जैविक व अजैविक कारकों (सूखा, ताप ,लवणता ) आदि के लिए प्रतिरोधी होती है।
- (3) फसल की पोषण गुणवत्ता व खनिज उपयोग क्षमता में वृद्धि हो जाती है।