आणविक कक्षक सिद्धांत के आधार पर ऑक्सीजन अणु का आरेख बनाइए बंध क्रम ज्ञात कीजिए
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आण्विक या अणु कक्षक सिद्धांत (molecular orbital theory in hindi) (MOT) : M.O.T. के अनुसार जितने परमाण्विक कक्षक अतिव्यापन में भाग लेते है उतने ही नए अणु कक्षकों का निर्माण होता है।
जब दो परमाण्वीय कक्षक अतिव्यापन करते है तो दो अणु कक्षकों का निर्माण होता है।
एक बंधी अणु कक्षक तथा दूसरा प्रतिबंधी या विपरीत बंधी अणु कक्षक कहलाता है।
बन्धी अणु कक्षकों की ऊर्जा परमाण्विक कक्षकों से कम होती है तथा ये परमाण्वीय कक्षको के योग प्रभाव से बनते है तथा विपरीत बंधी या प्रतिबंधी अणु कक्षकों की ऊर्जा परमाण्वीय कक्षकों से अधिक होती है तथा ये परमाण्वीय कक्षकों के अंतर प्रभाव से बनते है।
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