Hindi, asked by adityasharma28, 1 year ago

aandvishvash par nibandh likhiye

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Answered by darshita93
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yeh andhvishvash 21st century se hi nahi kaee sadiyo se es duniya par chal raha hai. yaha kai log aise bhi hai jo andha visvas ko mante hai. hame vishvas hona chahiye andha vishvas nahi. kyu ki es andha vishvas ke karan kau logo ne apni jaan gava di hai. kai log aisa bolte hai ki jab hame hichaki aati hai to hame koi yaad kar ta gai .par ye bilkul galat hai kyu ki us wakt kisi karan se hamare food pipe ya esofhagus dvara ham jo breathe in kar te wakt vo breath kisi karan se hamare pet me chali jati hai esliye hame hichki aati hai. andha vishvas me yakin mat kijiy.

Please ANDHA VISHVAS PE YAKIN MAT KIJIYE.

darshita93: hiiiiii... friends
darshita93: mai 6th me hu
Answered by Anonymous
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आज की 21वीं सदी में भी देश में अनेक लोग अंधविश्वास में यकीन करते है। ऐसे लोग अक्सर बाबाओ, साधुओं, तांत्रिकों के बहकावे में आकर अपना धन, इज्जत गवां बैठते है। देश में स्त्रियाँ अधिक अंधविश्वास का शिकार है। अधिकतर स्त्रियाँ पुत्र, सन्तान पाने के लिए बाबाओ के चक्कर लगाती है। ऐसे बाबा, साधु भोली भाली औरतों से मोटी रकम वसूलते है। कई बार उनकी इज्जत पर भी खतरा उठ जाता है। इसलिए कभी भी ऐसे पाखंडी लोगो के बहकावे में नही आना चाहिये। ऐसे लोग हमारे मन में भय पैदा करके अनुचित लाभ उठाते है।

आज भी हमारे समाज में अंधविश्वास को अनेक लोग मानते है। बिल्ली द्वारा रास्ता काटने पर रुक जाना, छीकने पर काम का न बनना, उल्लू का घर की छत पर बैठने को अशुभ मानना, बायीं आँख फड़कने पर अशुभ समझना, नदी में सिक्का फेंकना ऐसी अनेक धारणाएं आज भी हमारे बीच मौजूद है। आज भी देश में अनेक औरतों को “डायन” बताकर मार दिया जाता है। आश्चर्य की बात है की ऐसे अंधविश्वास में अनपढ़ के साथ-साथ पढ़े लिखे लोग भी पड़ जाते है। इससे कोई लाभ नही होता। सिर्फ नुकसान ही होता है।
HOPE IT HELPS



GalaxyBoy15: *cough cough*
GalaxyBoy15: dont chat here on brainly if your both are having some personal conversations.
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