aap chatrawas Mein Rehte Hain apni Mata Ji ko Patra likhkar Wahan ki din Charcha ke bare mein Bataye
Answers
छात्रावास की दिनचर्या के विषय में माँ को पत्र
दिनांक – 15 जुलाई 2019
178, सिविल लाइन,
शाहजहाँपुर (उ.प्र.)
पूज्यनीया माँ,
सादर चरण स्पर्श
माँ आपका पत्र प्राप्त हुआ। आपने मेरी कुशलता के विषय में पूछा है। मैं यहां पर कुशल पूर्वक हूं। माँ, मुझे आशा है कि आप भी कुशल पूर्वक होगी। माँ आपने अपने पत्र में पूछा है कि मैं अपने में छात्रावास में किस तरह रह रहा हूं। छात्रावास में मुझे कोई परेशानी तो नहीं है इस विषय में मैं लिखूं। तो माँ मैं आपको कहना चाहूंगा कि मुझे यहां पर कोई परेशानी नहीं है। छात्रावास में बहुत अनुशासन है। सब काम समय पर करना पड़ता है। हम लोग सुबह छह बजे जग जाते हैं और नित्य कर्मों से निपट कर थोड़ा व्यायाम आदि करते हैं। ठीक आठ बजे हमें नाश्ते की टेबल पर पहुँचना होता है, जहाँ हमें पौष्टिक नाश्ता मिलता है। जिसमें एक गिलास दूध के साथ कभी पोहा, कभी उपमा, कभी हलवा या कभी मक्खन लगे ब्रेड आदि होते हैं। साढे आठ बजे तक हम लोग तैयार होकर विद्यालय के लिये निकल जाते हैं। छात्रावास विद्यालय के प्रांगण में ही है इसलिये विद्यालय पहुंचने में अधिक समय नही लगता। नौ बजे से हमारी कक्षायें शुरू हो जाती हैं। दोपहर बारह बजे इंटरवल में हम लंच के लिये छात्रावास आते हैं। लंच में दो रोटी, थोड़े चावल, एक दाल और एक सब्जी तथा सलाद आदि मिलता है। विद्यालय की छुट्टी तीन बजे होती है। पंद्रह मिनट में हम वापस छात्रवास आ जाते हैं। फिर हम लोग कपड़े आदि बदल कर थोड़ी पढ़ाई करते हैं। शाम पांच बजे हल्के-फुल्के स्नैक्स के रूप में शाम का नाश्ता मिलता है। हमें छात्रावास के पीछे के मैदान में एक घंटे तक खेलने को मिलता है। ठीक आठ बजे रात का खाना मिलता है, जोकि दोपहर के खाने की तरह ही होता है। फिर हम अपने कमरे में आकर पढ़ाई करते हैं। रात ग्यारह बजे तक हम लोग सो जाते हैं।
माँ मेरे कमरे में मेरे साथ तीन छात्र और रहते हैं। हर कमरे में चार छात्र रहते हैं। पूरे छात्रावास में कुल दो सौ के लगभग छात्र हैं। छात्रावास के वार्डन बेहद अच्छे स्वभाव के हैं और सभी छात्रों के साथ बेहद स्नेह से बात करते हैं। खाने का क्वालिटी भी अच्छी है। आपने दिनचर्या के विषय में पूछा तो मैंने विस्तार से बता दिया।
माँ आप चिंता न करो। मैं यहाँ पर अच्छी तरह से रह रहा हूँ, यदि मुझे कोई परेशानी होगी तो मैं आपको पत्र द्वारा सूचित कर दूंगा। शेष बातें फिर कभी माँ....
पिताजी और दादीमाँ को चरण स्पर्श कहना, छुटकी को मेरी तरफ से स्नेह...
आपका पुत्र...
शुभम अग्रवाल
छात्रावास,
नवजीवन विद्यालय,
दिल्ली 110054
Answer:
छात्रावास (Hostel) के विषय में माताजी को पत्र |
गुवाहाटी/परीक्षा भवन
18.4.2003
पूजनीया माताजी,
चरण कमलों में सादर प्रणाम ।
मैं यहाँ ईश्वर की कृपा से अत्यंत सकुशल हूँ । आपकी कुशलता की आशा है । मुझे यहाँ पहुँचे कई दिन हो गए किन्तु व्यस्त (busy) रहने के कारण आपको पत्र लिखने का समय नहीं मिला । मुझे यहाँ विद्यालय के छात्रावास में जगह मिल गई है । भोजन तथा अन्य आवश्यकताओं की इस छात्रावास में बहुत अच्छी व्यवस्था है ।
प्रतिदिन प्रातःकाल (Morning) नाश्ते में एक गिलास दूध और मक्खन लगे टोस्ट मिलते हैं । आठ बजे तक स्नान करके विद्यालय के लिए पूरी तैयारी कर लेनी पड़ती है । साढ़े ग्यारह बजे भोजन कक्ष में उपस्थित होना पड़ता है और पुन: कक्षाओं के बाद शाम का नाश्ता तथा रात को भोजन करना होता है । इन सब का समय बिस्कूल निश्चित और नियमबद्ध है ।
इस छात्रावास में 300 विद्यार्थी हैं । शेष विद्यार्थी छात्रावास के दूसरे भाग में रहते हैं । यहाँ विद्यार्थी समय पर पढ़ना-लिखना तथा खेलना-कूदना आदि हर कार्य करते हैं । कई छात्र मेरे अच्छे मित्र भी बन गए हैं और छात्रावास के गृहपति (Warden) से भी मेरी जान-पहचान हो गई है । आप मेरे विषय में किसी प्रकार की चिन्ता न करें । समय मिलते ही मैं फिर पत्र लिखूँगा । पिताजी को मेरा चरण स्पर्श ।