Hindi, asked by adityadhar890, 6 months ago

आप अभी फौजी नहीं विद्यार्थी है आपका देश प्रेम किन रूपों में प्रकट होता है नेताजी का चश्मा पाठ के आधार पर उत्तर दीजिए ​

Answers

Answered by scientist331
7

Answer:

सेनानी न होते हुए भी चश्मेवाले को लोग कैप्टन क्यों कहते थे?

उत्तर: इसके बारे में कहानी में कोई भी बात नहीं बताई गई है। हम कुछ अनुमान लगा सकते हैं। हो सकता है कि चश्मेवाला कभी सेना में काम करता रहा होगा। हो सकता है कि वह आजाद हिंद फौज का हिस्सा रहा होगा।

हालदार साहब ने ड्राइवर को पहले चौराहे पर गाड़ी रोकने के लिए मना किया था लेकिन बाद में तुरंत रोकने को कहा:

हालदार साहब पहले मायूस क्यों हो गए थे?

उत्तर: हवलदार साहब मूर्ति पर सरकंडे के चश्मे को देखकर पहले मायूस हो गए थे। उन्हें लगा होगा कि लोगों में अपने नायकों के लिए जरा सी भी इज्जत नहीं बची है।

मूर्ति पर सरकंडे का चश्मा क्या उम्मीद जगाता है?

उत्तर: सरकंडे का चश्मा यह उम्मीद जगाता है कि हम लाख उम्मीदें छोड़ दें लेकिन उम्मीद की किरण हमेशा बाकी रहती है। कोई न कोई कुछ अच्छा करने की जिम्मेदारी ले ही लेता है।

हालदार साहब इतनी बात पर भावुक क्यों हो उठे?

उत्तर: हवलदार साहब उस व्यक्ति के बारे में सोचकर भावुक हो उठे होंगे जिसने नेताजी को चश्मा लगाया होगा। वह नेताजी की कुर्बानी को याद कर के भावुक हो गए होंगे।

आशय स्पष्ट कीजिए – “बार-बार सोचते, क्या होगा उस कौम का जो अपने देश की खातिर घर-गृहस्थी-जवानी-जिंदगी सब कुछ होम देनेवालों पर भी हँसती है और अपने लिए बिकने के मौके ढ़ूँढ़ती है।“

उत्तर: आम आदमी अपनी रोजमर्रा के जीवन में इतना उलझ जाता है कि उसे अन्य किसी बात की सुध नहीं रहती। हम अपनी जिंदगी में इतने मशगूल हो जाते हैं कि अपने देश पर अपना पूरा जीवन न्योछावर करने वालों को भी भूल जाते हैं। यह अच्छी बात नहीं है। सच्चा और अच्छा देश वही बनता है जहाँ के लोग अपने हीरो को याद रखने की सार्थक कोशिश करते हैं।

पानवाले का एक रेखाचित्र प्रस्तुत कीजिए।

उत्तर: पानवाल एक मोटा और काला आदमी था। वह बहुत ही खुशमिजाज आदमी था। उसकी काली हो चुकी दंतपंक्ति यह बताती थी कि पान खाने का उसका पुराना शौक था। हँसोड़ होने के साथ ही वह भावुक इंसान भी था। उसे अपने आस पास होने वाली घटनाओं के बारे में पता रहता था।

“वो लँगड़ा क्या जाएगा फौज में। पागल है पागल!” कैप्टन के प्रति पानवाले की इस टीप्पणी पर अपनी प्रतिक्रिया लिखिए।

उत्तर: पानवाला उस चश्मेवाले को महत्वहीन इंसान समझता था। हममे से अधिकतर लोग किसी लँगड़े, बूढ़े और गरीब व्यक्ति को कोई भाव ही नहीं देते। पानवाला ऐसी ही मानसिकता का शिकार लगता है।

निम्नलिखित वाक्य पात्रों की कौन सी विशेषता की ओर संकेत करते हैं:

हालदार साहब हमेशा चौराहे पर रुकते और नेताजी को निहारते।

उत्तर: हवलदार साहब को अनोखी चीजों में दिलचस्पी थी। अपनी व्यस्तता के बीच भी वे अपने आस पास की रोचक घटनाओं को ध्यान से देखा करते थे।

पानवाला उदास हो गया। उसने पीछे मुड़कर मुँह का पान नीचे थूका और सिर झुकाकर अपनी धोती के सिरे से आँखें पोंछता हुआ बोला – साहब! कैप्टन मर गया।

उत्तर: पानवाला एक भावुक व्यक्ति था। वह ऐसे व्यक्ति के लिए भी आँसू बहा रहा था जिसके बारे में वह बहुत कुछ नहीं जानता था और जिसके लिए उसके मन खास सम्मान नहीं था।

कैप्टन बार-बार मूर्ति पर चश्मा लगा देता था।

उत्तर: कैप्टन नेताजी की इज्जत करता था। उसे शायद नेताजी के योगदान के बारे में पता था। वह अपने सीमित संसाधनों से भी देशभक्ति व्यक्त करने से नहीं चूकता था।

जबतक हालदार साहब ने कैप्टन को साक्षात देखा नहीं था तब तक उनके मानस पटल पर उसका कौन सा चित्र रहा होगा, अपनी कल्पना से लिखिए।

उत्तर: कैप्टन पहले किसी सेना में या आजाद हिंद फौज में कार्यरत रहा होगा। कैप्टन कोई हट्टा कट्टा इंसान रहा होगा जिसकी रौबीली मूँछे रही होंगी।

कस्बों, शहरों, महानगरों के चौराहों पर किसी न किसी क्षेत्र के प्रसिद्ध व्यक्ति की मूर्ति लगाने का प्रचलन सा हो गया है:

इस तरह की मूर्ति लगाने के क्या उद्देश्य हो सकते हैं?

उत्तर: इस तरह की मूर्ति लगाकर हम किसी प्रसिद्ध व्यक्ति के प्रति अपने सम्मान को जाहिर करते हैं।

आप अपने इलाके के चौराहे पर किस व्यक्ति की मूर्ति स्थापित करवान चाहेंगे और क्यों?

उत्तर: मैं गांधीजी की मूर्ति लगवाना चाहूँगा क्योंकी भारत की आजादी की ल‌ड़ाई में उनका योगदान सबसे बढ़कर है।

उस मूर्ति के प्रति आपके एवं दूसरे लोगों के क्या उत्तरदायित्व होने चाहिए?

उत्तर: हम सब मिलकर यह सुनिश्चित करेंगे कि वह मूर्ति साफ सुथरी रहे और वहाँ पर रोशनी की अच्छी व्यवस्था हो।

Answered by meghakoul2005
9

hope it helps......

u can also add some points if uh want ....

as a student hum yh sb kr skty hai

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