आप ऐसा क्यों सोचते हैं कि पुराने मंदिर कुछ घर जैसे ही होते होंगे ?
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kyoki vo bhut bde or kai manjil k hote the isliye
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हम ऐसा इसलिए सोचते हैं कि पुराने मंदिर बहुत कुछ घर जैसे ही होंगे क्योंकि:
मंदिर भी देवी, देवता का घर जैसा ही होता है। अतः इसलिए पुराने मंदिर बहुत हद तक घर जैसे ही होंगे।
Explanation:
- शुरू में मनुष्य किसी विशेष मंदिर निर्माण शैली से अज्ञान था इसलिए देवी देवताओं के रहने का स्थान उनके घर ही हुआ करते थे।
- मेसोपोटामिया में मंदिर विभिन्न प्रकार के देवी देवताओं का निवास की जगह थे। 'उर' चंद्र देवता तथा इन्नाना प्रेम व युद्ध की देवी मानी जाती थी।
- प्रारंभ में मनुष्य अपने निवास स्थान में ही पूजा अर्जना करता था इसकी बड़ी वजह यह थी की वह मंदिर से परिचित नहीं था.
- कुछ प्रमुख मेसोपोटामिया सभ्यताओं में सुमेरियन, असीरियन, अक्कादियन और बेबीलोनियन सभ्यताएं शामिल हैं। साक्ष्य इन समाजों में प्रौद्योगिकी, साहित्य, कानूनी संहिता, दर्शन, धर्म और वास्तुकला के व्यापक उपयोग को दर्शाता है।
- मेसोपोटामिया की सभ्यताएँ जो आज इराक और कुवैत में टाइग्रिस और यूफ्रेट्स नदियों के तट पर बनी हैं।
- मेसोपोटामिया हजारों वर्षों में फैली कई अलग-अलग सभ्यताओं का घर था जिन्होंने विश्व संस्कृति और प्रगति में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
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