आप अपने जीवन में भारतीय संविधान के बुनियाद मूल्यों को किस प्रकार दैनिक व्यवहार में लाएंगे? स्पष्ट कीजिए।
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भारतीय संविधान को राष्ट्रीय आंदोलन के दौरान जागृत राजनीतिक चेतना का परिणाम माना जाता है। राष्ट्रीय आंदोलन या स्वतंत्रता संघर्ष की पृष्ठभूमि में समाज के विभिन्न वर्गों- पुरुष, महिला, श्रमिक, विद्यार्थी, वकील, पूंजीपति के साथ-साथ विभिन्न क्षेत्रों- पूर्वोत्तर, पश्चिमोत्तर, दक्षिण और उत्तर-मध्य के बीच बेहतर समन्वय देखा गया। इसी समन्वय और विभिन्न वर्गों की महत्त्वाकांक्षाओं की पृष्ठभूमि में भारतीय संविधान का निरूपण किया गया और इसकी प्रस्तावना में राज्य की शक्ति को जनता में निहित बताया गया। भारतीय संविधान में सभी वर्गो के हितों के मद्देनज़र विस्तृत प्रावधानों का समावेश किया गया है, साथ ही सर्वोच्च न्यायालय की विभिन्न व्याख्याओं के माध्यम से भी बदलती परिस्थितियों के अनुसार विभिन्न अधिकारों को सम्मिलित किया गया। इसके परिणामस्वरूप स्वतंत्रता के 70 वर्षों पश्चात् भी भारतीय संविधान अक्षुण्ण, जीवंत और क्रियाशील बना हुआ है।
भारतीय संविधान