आप अपने जीवन में क्या बनना चाहते हो और उसको पूरा करने के लिए आप क्या तैयारियां करेंगे
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मैं जब स्कूल में पढ़ता था तब हमारे शिक्षक हमें कहते थे कि जीवन में आपको कोई न कोई लक्ष्य निर्धारित करना बहुत जरूरी है अगर आप बिना लक्ष्य के जीवन जीने की कल्पना कर रहे हैं तो यह मुमकिन नहीं है क्योंकि अगर जीवन में आपका कोई लक्ष्य नहीं होगा तो आप इधर उधर भटकते रहेंगे।
और यह सही भी है क्योंकि अगर आज से ही लक्ष्य नहीं बनाएंगे तो हमें पता कैसे चलेगा कि हमें किस विषय पर तैयारी करनी है और आगे जाकर हमें क्या बनना है तो जीवन में लक्ष्य का होना बहुत जरूरी है ।
मैं जब स्कूल में पढ़ता था तब हमारे शिक्षक हमें कहते थे कि जीवन में आपको कोई न कोई लक्ष्य निर्धारित करना बहुत जरूरी है अगर आप बिना लक्ष्य के जीवन जीने की कल्पना कर रहे हैं तो यह मुमकिन नहीं है क्योंकि अगर जीवन में आपका कोई लक्ष्य नहीं होगा तो आप इधर उधर भटकते रहेंगे।
और यह सही भी है क्योंकि अगर आज से ही लक्ष्य नहीं बनाएंगे तो हमें पता कैसे चलेगा कि हमें किस विषय पर तैयारी करनी है और आगे जाकर हमें क्या बनना है तो जीवन में लक्ष्य का होना बहुत जरूरी है ।
मैं जब स्कूल में पढ़ता था तब हमारे शिक्षक हमें कहते थे कि जीवन में आपको कोई न कोई लक्ष्य निर्धारित करना बहुत जरूरी है अगर आप बिना लक्ष्य के जीवन जीने की कल्पना कर रहे हैं तो यह मुमकिन नहीं है क्योंकि अगर जीवन में आपका कोई लक्ष्य नहीं होगा तो आप इधर उधर भटकते रहेंगे।
और यह सही भी है क्योंकि अगर आज से ही लक्ष्य नहीं बनाएंगे तो हमें पता कैसे चलेगा कि हमें किस विषय पर तैयारी करनी है और आगे जाकर हमें क्या बनना है तो जीवन में लक्ष्य का होना बहुत जरूरी है।
मैं चाहता हूं कि मैं एक बड़ा Doctor बनकर इन सभी बीमारियों का इलाज करू। वह भी कम पैसों में ताकि अगर कोई गरीब अपना इलाज कराना चाहिए तो वह हॉस्पिटल में जाने से पहले घबराएं नहीं उसे ऐसा नहीं लगेगी अगर मैं डॉक्टर के पास गया तो मुझे लूट लिया जाएगा।
मैं डॉक्टर बन कर मरीजों का इलाज तो करवा ही साथ ही उनके साथ अच्छा व्यवहार ही करूंगा क्योंकि एक मरीज पहले से ही बीमारियों के चुंगल में फंसने के कारण बहुत निराश हो जाता है और ना खुश रहने लगता है इसलिए जब मैं उनके पास जाऊंगा तो खुशी से बात करूंगा जैसे कि वह मेरे परिवार की सदस्य ही हो।
क्योंकि मैंने कुछ किताबों में बड़ा है कि अगर किसी से मुस्कुरा कर बात कर लिया जाए तो उसकी आधी बीमारी तो ऐसे ही ठीक हो जाती है। मैं चाहता हूं कि मैं यह सभी बातें अपने जीवन में उतारू और सभी लोगों में खुशियां बांटू तभी शायद मेरे डॉक्टर बनने का मकसद पूरा हो पाएगा।
मैं एक इमानदार, विवेकशील डॉक्टर बनना चाहता हूं जिसका मकसद गरीब एवं असहाय लोगों का इलाज करना होगा यही मेरे जीवन का लक्ष्य है।