आप एक महीने तक विद्यालय नही आए; किा अध्यापक ने आपका नाम काट
ददया है| पनस ः प्रवेश के ललए प्रार्नथ ा-पत्र ललखिए|
Answers
Answer:
मनुष्य सामाजिक प्राणी है। वह अपने निकट संबंधियों का दुख-सुख जानने का इच्छुक रहता है। इसके लिए वह पत्रों का सहारा लेता आया है। पत्र-लेखन एक विशिष्ट कला है। यह हमारे विचारों के आदान-प्रदान का एक सरल और सशक्त माध्यम है। यह लेखन की अन्य विधाओं से भिन्न है क्योंकि पत्र-लेखन किसी मित्र, निकट संबंधी, अधिकारी, कर्मचारी या संस्था प्रमुख को संबोधित करके लिखा जाता है। इसमें लेखक और पाठक के बीच कुछ-न-कुछ संबंध भी रहता है।
Answer:
kewal pita ji ki chot ke jagahan par ek mahine wali kahani likh dein.....
Explanation:
सेवा में
प्रधानाचार्य महोदय
महामना सीनियर सेकेंड्री स्कूल
वाराणसी (उ०प्र०)
विषय-विद्यालय में पुनः
प्रवेश पाने के संबंध में
महोदय
विनम्र निवेदन यह है कि मैं इस विद्यालय की दसवीं कक्षा का छात्र हूँ। मेरे पिता जी कार्यालय जाते हुए एक दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल हो गए थे। सूचना मिलने पर मैं भी तुरंत दुर्घटना स्थल पर गया और पुलिस की मदद से उन्हें अस्पताल ले गया। वहाँ भरती करके उनका इलाज शुरू किया गया। आपरेशन और अन्य कार्यों में पंद्रह दिन लग गया। उनकी देखभाल करने वाला कोई और न होने के कारण मुझे भी 15 दिन अस्पताल में रुकना पड़ा। इस कारण मेरा नाम काट दिया गया।
अतः आपसे प्रार्थना है कि मेरी स्थिति पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करते हुए मेरा नाम पुनः लिखने की कृपा करें। इसके लिए मैं आपका आभारी रहूँगा।
सधन्यवाद
आपका आज्ञाकारी शिष्य
अंकित कुमार
दसवीं-डी, अनु.-20
24 जनवरी, 2020