आप के अनुसार फोटो खिचवाने के लिए पोशाक का कितना
महल है ? पुराती पीढ़ी से
तुलता कि जिए
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वृंदावन, [महेश चौधरी]। खेल से लेकर फिल्मी जगत तक, मॉडलिंग से लेकर छोटे परदे तक भले ही फैशन डिजायनरों का जलवा है लेकिन भगवान को उनकी डिजायन पसंद नहीं। ऐसा भी नहीं है कि भगवान साधारण वस्त्र धारण करते हों। ठाकुर बांके बिहारी महाराज खासतौर से तैयार 10 हजार रुपये से लेकर पांच लाख रुपये तक की पोशाक पहनते हैं।
सामान्य दिनों में बांके बिहारी जी 10 से लेकर 50 हजार रुपये मूल्य तक की पोशाक पहनते हैं, जबकि हरियाली तीज, अक्षय तृतीया, जन्माष्टमी और शरद पूर्णिमा को वे पांच लाख रुपये तक की विशेष पोशाक पहनते हैं। 13 मई को अक्षय तृतीया पर बांके बिहारी जी धोती और पटका धारण करेंगे। शरद पूर्णिमा पर श्वेत रंग के वस्त्र पहनेंगे। इस दिन कट काछनी, बांसुरी और मोर-मुकुट भी धारण करेंगे। ठाकुर जी जन्माष्टमी पर केसरिया रंग की पोशाक, हरियाली तीज पर हरे रंग की पोशाक पहनते हैं। इसी प्रकार से वसंत पंचमी पर वसंती रंग, दीपावली पर लाल रंग की पोशाक पहनते हैं। बांके बिहारी जी गर्मी में शिफॉन-जॉर्जेट व सर्दी में सिल्क-जामावार कपड़े से बनी पोशाक पहनते हैं। इन उत्सवों पर भगवान की पोशाक तैयार कराने के लिए एक माह पूर्व बुकिंग करानी होती है।
ऐसे बनती है लाखों की पोशाक
खास मौकों पर ठाकुर जी जो पोशाक पहनते हैं, वह गैरमामूली होती है। उनमें बेशकीमती पत्थरों, अमेरिकन जरकिन, हीरे और मोती की टंकाई होती है। सिलाई सोने-चांदी के तारों से की जाती है। कारीगरी इतनी महीन होती है कि एक पोशाक बनने में एक माह से भी ज्यादा का वक्त लग जाता है। खास बात यह है कि ये पोशाक मशीन से नहीं, बल्कि हाथ से बनती हैं। इनकी कारीगरी भी काफी महंगी है। यजमान गोस्वामी से लेते हैं अनुमति
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अपने नगर के पोस्ट मास्टर को एक पत्र लिखकर डाक यह पोस्टमैन द्वारा डाक वितरण में किए जाने की शिकायत कीजिए
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